1300 करोड़ की खेल और शिक्षा घोटाला: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के खिलाफ़ भ्रष्टाचार का केस दर्ज, राष्ट्रपति से मिली मंजूरी
दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दोनों के खिलाफ मुकदमा चलाने की स्वीकृति दे दी है। 1300 करोड़ रुपये के क्लासरूम घोटाले में भ्रष्टाचार अधिनियम-1988 के तहत जांच होगी।

INDC Network : नई दिल्ली : दिल्ली क्लासरूम घोटाला: मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की बढ़ी मुश्किलें
दिल्ली सरकार के दो पूर्व मंत्रियों, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन, पर 1300 करोड़ रुपये के क्लासरूम घोटाले में मुकदमा चलेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम-1988 के तहत कानूनी कार्यवाही की अनुमति दे दी है।
कैसे हुआ घोटाला?
दिल्ली सरकार के स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण को लेकर घोटाले के आरोप लगे हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा 2400 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में अनियमितताएं पाई गईं।
घोटाले की मुख्य बातें:
वर्ष | इवेंट |
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2015 | केजरीवाल सरकार ने 2405 कक्षाओं के निर्माण का आदेश दिया |
2019 | सीवीसी को निर्माण में अनियमितताओं की शिकायत मिली |
2020 | सीवीसी ने फरवरी में रिपोर्ट देकर भ्रष्टाचार की पुष्टि की |
2022 | सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश की |
2023 | गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को जांच की सिफारिश भेजी |
2024 | राष्ट्रपति ने जांच की स्वीकृति दी |
क्या कहती है रिपोर्ट?
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की रिपोर्ट के अनुसार:
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बिना निविदा जारी किए निर्माण लागत 90% तक बढ़ा दी गई।
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194 स्कूलों में सिर्फ 4027 कक्षाओं का निर्माण हुआ, जबकि 7180 की आवश्यकता थी।
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160 शौचालयों की जरूरत थी, लेकिन 1214 बना दिए गए, जिससे 37 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए।
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स्वीकृत राशि 989.26 करोड़ रुपये थी, लेकिन वास्तविक खर्च 1315.57 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
अनियमितताओं का आंकड़ा:
विवरण | अनुमोदित | वास्तविक खर्च | अंतर |
कुल स्वीकृत राशि | ₹989.26 करोड़ | ₹1315.57 करोड़ | ₹326.31 करोड़ |
कक्षा-कक्षों की जरूरत | 7180 | 4027 | 3153 कम |
शौचालयों की जरूरत | 160 | 1214 | 1054 अधिक |
सिसोदिया और जैन पर लगे आरोप
मनीष सिसोदिया:
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उपमुख्यमंत्री रहते हुए शिक्षा विभाग संभाला।
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शराब नीति घोटाले में पहले ही 17 महीने जेल में रहे।
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आरोप है कि उन्होंने शराब नीति में भ्रष्टाचार कर कंपनियों को लाभ पहुंचाया।
सत्येंद्र जैन:
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पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए क्लासरूम निर्माण की जिम्मेदारी थी।
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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2022 से जेल में बंद थे।
क्या होगा अगला कदम?
राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद अब सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ED) दोनों की जांच तेज हो सकती है। सिसोदिया और जैन के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल हो सकती है।
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