होली पर कांपी धरती: लद्दाख से जम्मू-कश्मीर तक महसूस हुए तेज भूकंप के झटके

होली के दिन देश के उत्तरी हिस्से में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र 15 किमी गहराई में था। इसके तीन घंटे बाद अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप के झटके दर्ज किए गए। जम्मू-कश्मीर और अन्य इलाकों में भी हल्की कंपन महसूस की गई।

Mar 14, 2025 - 10:17
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होली पर कांपी धरती: लद्दाख से जम्मू-कश्मीर तक महसूस हुए तेज भूकंप के झटके

INDC Network : जम्मू-कश्मीर : होली पर भूकंप: लद्दाख और जम्मू-कश्मीर हिले

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कारगिल, लद्दाख: होली के दिन आधी रात के बाद भूकंप के तेज झटकों ने उत्तर भारत को हिला दिया। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, 13 मार्च को रात 2:50 बजे लद्दाख के कारगिल में 5.2 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। इस झटके का केंद्र 15 किमी की गहराई में था।

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कारगिल के अलावा, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भी कंपन महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।


पूर्वोत्तर भारत में भी भूकंप

इसी रात, भूकंप के करीब तीन घंटे बाद, पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश में भी भूकंप दर्ज किया गया। पश्चिम कामेंग क्षेत्र में सुबह 6:00 बजे 4.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया।

इसके अलावा, दोपहर 2:00 बजे तिब्बत में भी 4.3 तीव्रता के झटके आए। लगातार आ रहे भूकंप के झटकों से स्थानीय लोग सहमे हुए हैं।


लद्दाख और लेह में क्यों आते हैं भूकंप?

लद्दाख और लेह क्षेत्र भूकंपीय क्षेत्र-IV में आते हैं, जो भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील माना जाता है। यह इलाका हिमालय क्षेत्र में स्थित है और टेक्टोनिक प्लेटों की गतिविधियों की वजह से यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

भारत को भूकंप संवेदनशीलता के आधार पर चार जोनों में विभाजित किया गया है:

भूकंपीय जोन संवेदनशीलता स्तर
जोन V सबसे ज्यादा संवेदनशील
जोन IV उच्च जोखिम वाला
जोन III मध्यम संवेदनशील
जोन II सबसे कम संवेदनशील

लद्दाख और जम्मू-कश्मीर जोन IV में आते हैं, जिससे यहां भूकंप की संभावना बनी रहती है।


सोशल मीडिया पर लोगों ने बताई आपबीती

भूकंप के झटकों के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं साझा कीं। जम्मू, श्रीनगर और कारगिल के कई लोगों ने बताया कि उन्होंने झटके महसूस किए, लेकिन कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।

लोगों ने ट्विटर और फेसबुक पर अपनी रात की आपबीती साझा करते हुए लिखा कि उन्होंने दीवारें हिलती देखीं, कुछ देर तक कंपन महसूस हुआ और फिर सब सामान्य हो गया।


देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर हिस्से में आए भूकंप ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया कि भूकंप संभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की जरूरत है। सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा किसी भी आपदा से निपटने के लिए तैयार रहने की अपील की गई है।


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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।