बोधगया महाबोधि महाविहार विवाद: स्वामी आनंद स्वरुप बोले बुद्धिस्ट इस्लाम की दूसरी टीम है, बौद्ध और हिंदू संगठनों में विवाद

बोधगया महाबोधि महाविहार को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बीटी एक्ट 1949 को रद्द करने की मांग के साथ बौद्ध समुदाय आंदोलन कर रहा है, जबकि हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मंदिर उनका है। इस मुद्दे पर स्वामी आनंद स्वरूप और चंद्रशेखर आजाद आमने-सामने आ गए हैं।

Mar 13, 2025 - 13:21
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बोधगया महाबोधि महाविहार विवाद: स्वामी आनंद स्वरुप बोले बुद्धिस्ट इस्लाम की दूसरी टीम है, बौद्ध और हिंदू संगठनों में विवाद

INDC Network : नई दिल्ली, भारत : बोधगया महाबोधि महाविहार विवाद: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

बोधगया महाबोधि महाविहार विवाद बीते कुछ दिनों से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। संविधान लागू होने से ठीक एक वर्ष पहले, 1949 में ‘बीटी एक्ट’ लागू किया गया था, जिसके तहत मंदिर के प्रबंधन के लिए नौ सदस्यीय समिति बनाई गई थी, जिसमें पाँच ब्राह्मण और चार बौद्ध शामिल थे। बौद्ध संगठनों का कहना है कि यह अधिनियम संविधान लागू होने से पहले बनाया गया था और अन्य ऐसे सभी नियम रद्द कर दिए गए, लेकिन बीटी एक्ट 1949 आज भी लागू है


बौद्ध समुदाय की मांग: बीटी एक्ट 1949 रद्द किया जाए

बौद्ध अनुयायियों और अंबेडकर समर्थकों का कहना है कि इस अधिनियम को तुरंत समाप्त किया जाए और महाबोधि महाविहार को पूरी तरह बौद्ध भिक्षुओं को सौंप दिया जाए। इसके विपरीत, पंच ब्राह्मण समिति के सदस्य इस मंदिर पर अपना दावा ठोक रहे हैं और कह रहे हैं कि महाबोधि मंदिर में शिवलिंग स्थापित है, इसलिए यह हिंदू धर्मस्थल भी है


हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया: महाबोधि मंदिर हिंदू धरोहर

विवाद के बढ़ते ही हिंदू संगठनों की ओर से भी प्रतिक्रिया आने लगी। शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने इस विवाद पर बयान दिया कि बोधगया महाबोधि मंदिर हिंदू धरोहर है और इसे किसी भी कीमत पर बौद्धों को नहीं सौंपा जाएगा

स्वामी आनंद स्वरूप के बयान:

  1. "जो असली कुशवाहा होगा, वह कभी बौद्ध नहीं हो सकता। वह सनातनी परंपरा को मानेगा।"

  2. "वर्तमान बौद्ध धर्म, इस्लाम की ‘बी टीम’ है और देश को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है।"

  3. "ईसाइयों, मुसलमानों और बौद्धों का टारगेट ब्राह्मण हैं। अगर ब्राह्मण एकजुट हो जाएं, तो राजनीति बदल सकती है।"

  4. "चंद्रशेखर आजाद राजा बनना चाहता है, लेकिन उसे उसकी औकात बताना जरूरी है।"


चंद्रशेखर आजाद की प्रतिक्रिया: बड़ा आंदोलन होगा

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि बोधगया को पूरी तरह से बौद्धों को सौंप दिया जाए और इसे ब्राह्मणों के कब्जे से मुक्त किया जाए

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो देशव्यापी आंदोलन होगा


"तथाकथित अंबेडकरी बौद्ध वाले डॉक्टर को मेरा जबाब । गया हमारा है हमारा ही रहेगा किसी की हिम्मत नहीं जो मंदिर को वहाँ से हटा दे"स्वामी आनंद स्वरुप


सोशल मीडिया पर बढ़ती बयानबाजी

यह विवाद अब सिर्फ सड़क और संसद तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी उग्र बहस छिड़ गई है

विवादित बयान कथन
स्वामी आनंद स्वरूप "बौद्ध धर्म, इस्लाम की बी टीम है।"
स्वामी आनंद स्वरूप "गया हमारा था, हमारा रहेगा।"
स्वामी आनंद स्वरूप "ब्राह्मण एकजुट हो जाएं, तो राजनीति बदल जाएगी।"
चंद्रशेखर आजाद "महाबोधि मंदिर बौद्धों को सौंपा जाए, अन्यथा आंदोलन होगा।"

आंदोलन की वर्तमान स्थिति

बौद्ध और अंबेडकरवादी संगठनों द्वारा पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन किया जा रहा है।

तारीख आंदोलन का प्रकार स्थान
28 फरवरी 2025 ज्ञापन सौंपना देशभर के सरकारी दफ्तर
6 मार्च 2025 धरना प्रदर्शन विभिन्न राज्य की राजधानियां
12 मार्च 2025 राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन दिल्ली, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश

सरकार की स्थिति: कोई स्पष्ट निर्णय नहीं

अब तक बिहार सरकार और केंद्र सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। बौद्ध संगठनों और हिंदू संगठनों के बीच बढ़ते टकराव को देखते हुए, इस मुद्दे पर जल्द ही कोई ठोस कदम उठाया जा सकता है।

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Arpit Shakya Hello! My Name is Arpit Shakya from Farrukhabad (Uttar Pradesh), India. I am 18 years old. I have been working for INDC Network news company for the last 3 years. I am the founder and editor in chief of this company.