जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल की चेतावनी : राष्ट्र-विरोधी ताकतों से लड़ाई होगी और तेज

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। जेल से बाहर निकलने के बाद उन्होंने रोड शो किया और अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह देश को कमजोर करने वाली "राष्ट्र-विरोधी ताकतों" से लड़ाई जारी रखेंगे। उनकी गिरफ्तारी पर अदालत में विरोधाभास दिखा, जहां न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने इसे वैध ठहराया, जबकि न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने इसे अनुचित माना। सुप्रीम कोर्ट ने जमानत शर्तों के तहत उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय जाने और मामले की योग्यता पर सार्वजनिक बयान देने से रोक दिया है।

Sep 13, 2024 - 22:25
Sep 28, 2024 - 17:14
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जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल की चेतावनी : राष्ट्र-विरोधी ताकतों से लड़ाई होगी और तेज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर आने के बाद रोड शो करते हुए।

INDC Network : नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद शुक्रवार, 13 सितंबर, 2024 को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। जेल से बाहर आते ही उनके समर्थकों और पार्टी नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। रिहाई के बाद केजरीवाल ने एक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर चंदगीराम अखाड़े से अपने आधिकारिक आवास तक रोड शो किया, जिसमें भारी संख्या में आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए।

इस अवसर पर केजरीवाल ने अपने पहले सार्वजनिक बयान में कहा कि वह जेल में रहने के दौरान और भी ज्यादा मजबूत हुए हैं और अब देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही "राष्ट्र-विरोधी ताकतों" के खिलाफ उनकी लड़ाई और तेज होगी। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "जेल मुझे कमजोर नहीं कर सकती। उन्होंने मुझे जेल में डालकर सोचा था कि मेरा मनोबल टूट जाएगा, लेकिन आज मैं बाहर आकर आपको बता रहा हूं कि मेरा हौसला 100 गुना बढ़ गया है।"

केजरीवाल ने इस मौके पर देश के मौजूदा हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक बेहद महत्वपूर्ण समय है, क्योंकि कुछ राष्ट्र-विरोधी ताकतें देश को कमजोर करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने कहा, "मैं इस देश को कमजोर करने वाली ताकतों से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं और यह लड़ाई अब और भी जोर पकड़ने वाली है।" उन्होंने इस संघर्ष को देशभक्ति की भावना से जोड़ते हुए अपने समर्थकों से कहा कि यह लड़ाई सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि देश के हर नागरिक के लिए है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने अब खत्म की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई, 2024 को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दे दी थी। हालांकि, सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले के चलते उन्हें जेल से रिहाई नहीं मिल सकी थी।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को जमानत देते हुए कहा कि उन्हें लंबे समय तक हिरासत में रखना "स्वतंत्रता का अनुचित हनन" है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए कहा कि इसमें कोई प्रक्रियागत अनियमितता नहीं थी, लेकिन न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां ने इस गिरफ्तारी को अनुचित करार दिया।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल पर कुछ शर्तें लगाई हैं। उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय में जाने से मना किया गया है और उन्हें निर्देश दिया गया है कि वह मामले की योग्यता पर कोई सार्वजनिक बयान न दें। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ईडी द्वारा लगाए गए जमानत शर्तें भ्रष्टाचार के मामले में भी लागू होंगी।

केजरीवाल के वकील, वरिष्ठ अधिवक्ता ए.एम. सिंघवी, ने अदालत में तर्क दिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री संवैधानिक पदाधिकारी हैं और उनके भागने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का कोई खतरा नहीं है, क्योंकि सभी संबंधित दस्तावेज पहले ही सीबीआई द्वारा एकत्र किए जा चुके हैं।

आप नेता के समर्थकों ने भी उनकी गिरफ्तारी के समय से ही इसे राजनीतिक प्रतिशोध बताया था और जेल में उनके रहने को आम आदमी पार्टी के खिलाफ साजिश के तौर पर देखा जा रहा था। अब, जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के प्रति समर्थन जताने वाले लाखों लोगों को धन्यवाद दिया और कहा, "मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं और उन लाखों लोगों का शुक्रिया करता हूं, जिन्होंने इस भारी बारिश के बावजूद मेरा साथ दिया।"

उनकी रिहाई के साथ ही राजनीतिक माहौल और गरम हो गया है। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे लोकतंत्र की जीत बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे न्यायिक प्रक्रिया का पालन मान रहा है। इस मुद्दे पर बहस जारी है, लेकिन केजरीवाल के जेल से बाहर आते ही उनके समर्थन में जो जनसैलाब उमड़ा, उसने यह साफ कर दिया कि उनकी लोकप्रियता पर इस मामले का कोई असर नहीं पड़ा है।

केजरीवाल ने अपनी बात को खत्म करते हुए कहा कि जेल में रहने से उनका संकल्प और मजबूत हुआ है और वह अपने देश की सेवा के लिए और भी अधिक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ेंगे। "यह लड़ाई खत्म नहीं हुई है, यह तो बस शुरुआत है," उन्होंने अपने समर्थकों से वादा किया।

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