उत्तर प्रदेश में रोजगार की तलाश में सड़कों पर छात्र, भाजपा के खिलाफ गूंजते नारे : अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरी और परीक्षा प्रक्रिया को लेकर छात्रों का रोष बढ़ता जा रहा है। भाजपा पर आरोप है कि युवाओं की रोजगार समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप आक्रोशित छात्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। युवाओं का मानना है कि भाजपा की नीतियां उनके भविष्य के लिए हानिकारक हैं और उनके आंदोलन ने एक नए राजनीतिक परिदृश्य की नींव रख दी है।

INDC Network : प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में रोजगार की तलाश में सड़कों पर छात्र, भाजपा के खिलाफ गूंजते नारे : अखिलेश यादव
भाजपा के खिलाफ उठते छात्र आंदोलन की लहर
उत्तर प्रदेश में युवाओं का आक्रोश चरम पर है, खासकर उन प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों का जो सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटे हैं। छात्रों का मानना है कि वर्तमान सरकार की प्राथमिकता सूची में उनकी रोज़गार समस्या नहीं है, बल्कि सरकार ने उनके सपनों को कुचलने का काम किया है।
'भाजपा एजेंडे में नहीं नौकरी': छात्र आंदोलनों में जोश
भाजपा सरकार पर आरोप है कि उसने वैकेंसी की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है। कई वर्षों से या तो वैकेंसी निकलती नहीं, और यदि निकलती भी है, तो प्रक्रियाएं समय पर पूरी नहीं होतीं। इसके कारण हजारों छात्रों को सड़कों पर उतरना पड़ा है। उन्हें पढ़ाई की टेबल से दूर कर सड़कों पर आंदोलनकारी बना दिया गया है।
लाठीचार्ज और बुलडोजर: विरोध के स्वर बढ़ाते
आंदोलनकारी छात्रों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबाने के लिए लाठीचार्ज और बुलडोजर का सहारा ले रही है। वे पूछ रहे हैं, “क्या सरकार छात्रों के हॉस्टल पर बुलडोजर चलाएगी?” यह बयान भाजपा के खिलाफ उनके रोष को और स्पष्ट करता है।
'समाज को जोड़नेवाली सकारात्मक राजनीति' की मांग
छात्रों और उनके परिवारवालों का मानना है कि भाजपा का झूठा प्रचार और साम्प्रदायिक राजनीति उनके भविष्य को नुक़सान पहुंचा रही है। अब युवा सकारात्मक राजनीति की मांग कर रहे हैं, जहां उनकी आवाज और भविष्य की चिंता की जाए। छात्रों का कहना है कि भाजपा के जाने से ही उनके रोजगार का मार्ग प्रशस्त होगा।
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