लखनऊ में समाजवादी पार्टी का कैंडल मार्च: हाथरस घटना पर सीबीआई जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। अखिलेश यादव ने इस घटना के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घायलों से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी ने कैंडल मार्च निकालकर सीबीआई जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की।

लखनऊ में समाजवादी पार्टी का कैंडल मार्च: हाथरस घटना पर सीबीआई जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग

INDC Network : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : हाथरस में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच जाने से कई लोगों की जान चली गई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 116 लोगों की मौत हुई है, लेकिन यह संख्या अधिक भी हो सकती है।

इस दुर्घटना से पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है। प्रशासन और धार्मिक आयोजक दोनों पर आरोप लगाए जा रहे हैं, और विभिन्न राजनीतिक पार्टियां सरकार का विरोध कर रही हैं। 
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के दौरान भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। इस घटना पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दुख जताया और बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने इसे बेहद दर्दनाक घटना बताते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही के कारण लोगों की जान गई है। 

सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी हाथरस पहुंचकर अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। अखिलेश यादव ने दावा किया कि कुछ घायलों की उचित इलाज न मिलने के कारण मौत हुई है और सरकार की लापरवाही की वजह से यह पहली घटना नहीं है। उन्होंने कहा कि बड़े समारोहों के लिए एसओपी बनाई जानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

इसी बीच समाजवादी पार्टी के छात्र सभा प्रदेश अध्यक्ष विनीत कुशवाहा ने समाजवादी साथियों के साथ लखनऊ में केडी सिंह स्टेडियम से जीपीओ अंबेडकर प्रतिमा तक कैंडल मार्च निकाला। मार्च के दौरान प्रशासन ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। पुलिस ने कैंडल मार्च को समाप्त करने का आदेश दिया। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता जलती हुई मोमबत्तियों और पोस्टरों के साथ खड़े थे जिन पर लिखा था:
- हाथरस घटना की सीबीआई जांच हो
- हाथरस में मृत आत्माओं को ईश्वर शांति प्रदान करें
- पीड़ितों को उचित मुआवजा मिले
- दोषियों को गिरफ्तार किया जाए

ये पोस्टर समाजवादी कार्यकर्ता अपने हाथों में लिए हुए थे।