प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के धार्मिक समागम के समाप्त होने के बाद महिलाओं के आयोजन स्थल से बाहर निकलने के तुरंत बाद भगदड़ शुरू हुई। अलीगढ़ रेंज के महानिरीक्षक शलभ माथुर ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि गर्मी और उमस के कारण कुछ लोगों को परिसर में घुटन महसूस हुई और जब ‘सत्संग’ समाप्त हुआ, तो लोग बाहर निकलने लगे, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ मच गई। इसमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे मारे गए।
पड़ोसी एटा के जिला अस्पताल में भर्ती किशोरी ज्योति ने बताया कि हर कोई जल्दी से बाहर निकलना चाहता था। उसने कहा, "बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं था और लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे भगदड़ मच गई।" ज्योति ने याद किया कि कैसे उसने कार्यक्रम स्थल से बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन बाहर खड़ी मोटरसाइकिलों ने उसका रास्ता रोक दिया। अपनी मां के साथ अस्पताल लाई गई ज्योति ने कहा, "कई लोग बेहोश हो गए...कुछ की मौत हो गई।"
माथुर ने बताया कि धार्मिक उपदेशक ने सभा आयोजित करने की अनुमति मांगी थी, जो दे दी गई थी। अनुपम कुलश्रेष्ठ ने कहा कि शव पोस्टमार्टम के लिए एटा जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, "यूपी सरकार में मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और संदीप सिंह घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं और उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान हाथरस में हुई घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "मुझे अभी-अभी सूचना प्राप्त हुई है कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में भगदड़ के दौरान कई लोगों की मौत हो गई है। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। राज्य सरकार हर संभव मदद कर रही है और उचित अधिकारियों को घटनास्थल पर भेज दिया गया है।"