साम्प्रदायिक राजनीति का अंत: एक नयी सुबह का आगमन - अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि "4 जून 2024 को भारत ने साम्प्रदायिक राजनीति से आज़ादी पाई, जो नव आशावाद और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत है। PRO-CONSTITUTION समर्थकों और पीडीए की जीत से लोकतंत्र का नया महाकाव्य लिखा गया। 'ऊपर-से-नीचे' की राजनीति का अंत और 'जनमर्ज़ी' की स्थापना हुई, सकारात्मक राजनीति का नया युग प्रारंभ हुआ।"

साम्प्रदायिक राजनीति का अंत: एक नयी सुबह का आगमन -  अखिलेश यादव
Image Sourse : Akhilesh Yadav (Facebook)

INDC Network : नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विपक्ष पर हमला बोला और भाजपा पर आरोप लगाया ,अपने सोशल मीडिया के माध्यम से लिखते हुए उन्होंने निम्नलिखित बातें बोली- 

15 अगस्त 1947 को 'औपनिवेशिक राजनीति' से आज़ादी मिली थी, और 4 जून 2024 देश के लिए 'साम्प्रदायिक राजनीति' से आज़ादी का दिन बन गया है।

  • यह साम्प्रदायिक राजनीति के अंत और सामुदायिक राजनीति की शुरुआत का प्रतीक है।
  • यह नव आशावाद और नयी उम्मीदों के युग की शुरुआत है।
  • इसने तोड़ने वाली राजनीति को समाप्त कर दिया है और जोड़ने वाली राजनीति की विजय हुई है।
  • यह PRO-CONSTITUTION समर्थकों की जीत है, जो मानते हैं कि 'संविधान ही संजीवनी है'।
  • संविधान-मंथन में संविधान रक्षकों की जीत है।
  • यह 90% शोषित, वंचित, पीड़ित अर्थात PDA की जीत है।
  • PDA सौहार्द का समीकरण है।
  • PDA नए युग का काग़ज़ और क़लम दोनों है।
  • PDA ने लोकतंत्र का नया महाकाव्य लिख दिया है।
  • इस चुनाव में 'साम्प्रदायिक राजनीति' की हमेशा के लिए हार हुई है।
  • 'ऊपर-से-नीचे' की राजनीति का अंत हो गया है। अब नीचे से समाज की आवाज़ ही राजनीति का आधार बनेगी।
  • देश अब व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं, जनाकांक्षा से चलेगा; मतलब अब 'मनमर्ज़ी' नहीं, 'जनमर्ज़ी' चलेगी।
  • इस चुनाव में धन, छल और बल की नकारात्मक राजनीति की शिकस्त हुई है।
  • इस चुनाव के बाद 'सकारात्मक राजनीति' का नया दौर शुरू होगा।
  • इस चुनाव के बाद किसी राज्य की अर्थव्यवस्था को किसी और राज्य के चंद लोगों के लाभ के लिए लूटने की स्वार्थी चालबाज़ी का अंत हुआ है।
  • इस चुनाव के बाद जनता के प्रति दायित्व का बोध बढ़ेगा।
  • इस चुनाव ने 'बेलगाम राजनीति' की नाक में हमेशा के लिए नकेल डाल दी है।
  • अभी बुनियाद तैयार हुई है, अब हम सबको मिलकर इमारत बनानी शुरू करनी है।
  • जनाकांक्षा का प्रतीक 'इंडिया गठबंधन' जनसेवा के अपने संकल्प पर अडिग रहेगा, एकजुट रहेगा और संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण, मान-सम्मान-स्वाभिमान बचाने तथा बेरोज़गारी, महँगाई, भ्रष्टाचार के कष्ट और संकट से जनता को मुक्त करने के अपने प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा।
  • इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि 'मनमर्ज़ी' नहीं, 'जनमर्ज़ी' सबसे बड़ी होती है।

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सन्दर्भ:- इस लेख में भारत की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी है। इसमें अखिलेश यादव के प्रारंभिक जीवन, शिक्षा, और राजनीति में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का वर्णन है। लेख में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने कौन-कौन सी योजनाएँ शुरू कीं और उनसे आम जनता को क्या लाभ हुआ।