कांग्रेस और आप ने हरियाणा चुनाव गठबंधन पर चर्चा की : माकपा और सपा ने भी दिखाई रुचि

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) आगामी हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए संभावित गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे हैं। चर्चाओं की पुष्टि करते हुए, कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने खुलासा किया कि सीपीआई (एम) और समाजवादी पार्टी (एसपी) ने भी सहयोग के लिए संपर्क किया है। जबकि आप सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, गठबंधन पर अंतिम निर्णय पार्टी नेतृत्व द्वारा किया जाएगा। चल रही बातचीत का उद्देश्य सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देना है, जिसमें सीपीआई (एम) और एसपी जैसी अन्य छोटी पार्टियाँ राज्य में अपनी उपस्थिति स्थापित करना चाहती हैं।

कांग्रेस और आप ने हरियाणा चुनाव गठबंधन पर चर्चा की : माकपा और सपा ने भी दिखाई रुचि

INDC Network : हरियाणा : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा जोरों पर है, जिसमें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। यह घटनाक्रम तब सामने आया जब कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने पुष्टि की कि कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। इस गठबंधन की संभावनाएं और इसके निहितार्थ हरियाणा की राजनीति में महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं, क्योंकि यह भाजपा को चुनौती देने की दिशा में एक प्रमुख कदम हो सकता है।


कांग्रेस और AAP की गठबंधन वार्ता :

कांग्रेस पार्टी के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया ने बुधवार को इस बात की पुष्टि की कि कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन की बातचीत जारी है। यह चर्चा उस समय तेज हुई जब आप सांसद राघव चड्ढा को बाबरिया के आवास से निकलते हुए देखा गया, जहां संभावित गठबंधन पर विचार-विमर्श हुआ था। हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP का गठबंधन भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष की उम्मीदें जगा रहा है।

आप की हरियाणा इकाई के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने भी इस पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि AAP ने सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है, लेकिन गठबंधन पर अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। सुशील गुप्ता का बयान इस बात का संकेत है कि AAP के भीतर भी गठबंधन को लेकर गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है, हालांकि पार्टी ने अपनी सभी सीटों पर तैयारी पूरी कर ली है।

सपा और माकपा का कांग्रेस से संपर्क

गठबंधन की इस चर्चा में समाजवादी पार्टी (सपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी कांग्रेस से संपर्क किया है। ये दोनों पार्टियां हरियाणा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहती हैं और उन्होंने कांग्रेस से गठबंधन की संभावना पर चर्चा की है। दीपक बाबरिया ने कहा कि सपा और माकपा ने बहुत कम सीटों की उम्मीद जताई है, ताकि वे राज्य में अपनी पहचान बना सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ऐसी सीटों की तलाश कर रही है जो इनके और कांग्रेस के लिए सुविधाजनक हों।

इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा में कांग्रेस एक व्यापक गठबंधन की कोशिश कर रही है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल शामिल हो सकते हैं। इससे न केवल भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार होगा, बल्कि यह गठबंधन राज्य में नए राजनीतिक समीकरण भी बना सकता है।

राहुल गांधी और गठबंधन की संभावनाएं

सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में हरियाणा कांग्रेस के सदस्यों से AAP के साथ संभावित गठबंधन पर उनकी राय मांगी थी। यह दर्शाता है कि कांग्रेस के उच्च स्तर पर भी इस गठबंधन पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। राहुल गांधी की इस पहल से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भी उम्मीदें जगी हैं कि गठबंधन के माध्यम से भाजपा को कड़ी टक्कर दी जा सकती है।

संजय सिंह, जो कि AAP के वरिष्ठ नेता हैं, ने भी इस रिपोर्ट का स्वागत किया कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के नेताओं से हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच संभावित गठबंधन पर राय मांगी है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से परामर्श करने के बाद ही लिया जाएगा। इससे यह भी पता चलता है कि AAP के भीतर भी गठबंधन को लेकर गंभीर विचार चल रहा है, और पार्टी नेतृत्व के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।

मनीष सिसोदिया का बयान और भाजपा विरोध

पूर्व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि AAP का मुख्य उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बाहर करना है। सिसोदिया ने दावा किया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही जेल से बाहर आएंगे, जिसके बाद गठबंधन और चुनाव में पार्टी की भूमिका पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में शराब घोटाले के मामले में बंद हैं, लेकिन सिसोदिया का यह बयान इस बात का संकेत है कि AAP भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए गठबंधन को लेकर पूरी तरह से तैयार है।


हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और AAP के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा ने राज्य की राजनीति में नई जान फूंक दी है। इस गठबंधन के साथ सपा और माकपा भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रही हैं। राहुल गांधी की इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की पहल से यह साफ हो गया है कि कांग्रेस भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष खड़ा करने की दिशा में काम कर रही है। वहीं, AAP भी गठबंधन के माध्यम से अपनी राजनीतिक शक्ति को मजबूत करने की कोशिश में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में यह गठबंधन कैसे आकार लेता है और हरियाणा की राजनीति में इसका क्या प्रभाव पड़ता है।