अमित शाह ने खड़गे की टिप्पणी पर की आलोचना, CJI चंद्रचूड़ ने कोर्ट में अनुशासन पर दिया जोर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को "घृणित और अपमानजनक" बताते हुए उसकी कड़ी आलोचना की। खड़गे ने एक रैली के दौरान कहा कि वे मोदी को सत्ता से बेदखल होते देखने से पहले नहीं मरेंगे। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को कोर्ट में अनुचित भाषा का उपयोग करने पर फटकार लगाई, जब वकील बार-बार 'हाँ, हाँ' कह रहा था। चंद्रचूड़ ने कोर्ट की गरिमा बनाए रखने पर जोर देते हुए वकील से कोर्ट में सही ढंग से पेश होने की सलाह दी।
INDC Network : नई दिल्ली : दिल्ली से आज की पहली खबर :
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की है। खड़गे ने रविवार को एक चुनावी रैली के दौरान दिए गए अपने बयान में प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया। रैली के दौरान खड़गे लगभग बेहोश हो गए थे, लेकिन फिर ताकत जुटाकर कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी को सत्ता से बेदखल होते देखने से पहले नहीं मरेंगे। अमित शाह ने इस टिप्पणी को "घृणित और अपमानजनक" बताते हुए इसे प्रधानमंत्री के खिलाफ "अनावश्यक द्वेष" करार दिया।
अमित शाह ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि खड़गे ने अपनी निजी स्वास्थ्य स्थिति के मुद्दे पर पीएम मोदी को घसीटा, जो कि न केवल अनावश्यक था, बल्कि कांग्रेस पार्टी की पीएम मोदी के प्रति गहरी कटुता और नफरत को भी उजागर करता है। शाह ने यह भी कहा कि खड़गे की टिप्पणी से यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस नेता प्रधानमंत्री मोदी को लेकर अत्यधिक चिंता में रहते हैं और उनके बारे में लगातार सोचते रहते हैं।
शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित वह और भाजपा के सभी लोग खड़गे के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना करते हैं। उन्होंने यह भी प्रार्थना की कि खड़गे स्वस्थ रहें और 2047 तक भारत के विकसित देश बनने का सपना साकार होते हुए देखें। अमित शाह ने कांग्रेस पार्टी पर यह आरोप भी लगाया कि उनके नेताओं की कटुता और नफरत की हदें पार हो चुकी हैं, और इस तरह की टिप्पणियां कांग्रेस के चरित्र को दर्शाती हैं।
दिल्ली से आज की दूसरी खबर :
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक वकील को फटकार लगाई, जो बार-बार 'हाँ, हाँ' कह रहे थे। बहस के दौरान, वकील द्वारा 'हाँ, हाँ' शब्द का बार-बार उपयोग करने पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि उन्हें 'हाँ, हाँ' कहने वाले लोगों से "एलर्जी" है। उन्होंने वकील को स्पष्ट रूप से कहा कि कोर्ट कोई कॉफ़ी शॉप नहीं है, और इस तरह की भाषा अदालत में स्वीकार्य नहीं है।
CJI चंद्रचूड़ ने वकील से आग्रह किया कि वे 'हाँ' के बजाय सिर्फ 'हाँ' कहें और बार-बार 'हाँ, हाँ' का प्रयोग न करें। उन्होंने कहा, "यह कोर्ट है, यहाँ पर ऐसी भाषा नहीं चलेगी।" इस संदर्भ में, चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है और उचित भाषा का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
वकील उस समय एक याचिका पर बहस कर रहे थे, जिसमें भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश और वर्तमान राज्यसभा सांसद रंजन गोगोई के खिलाफ जांच की मांग की गई थी। वकील ने अपनी दलील में कहा कि पूर्व सीजेआई गोगोई द्वारा एक याचिका को गलत तरीके से खारिज किया गया था, और इसके खिलाफ उन्होंने क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का सुझाव दिया था।
इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक न्यायाधीश को प्रतिवादी बनाकर इस प्रकार की जनहित याचिका (PIL) कैसे दायर की जा सकती है। उन्होंने वकील से कहा कि जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं और उनके खिलाफ इस तरह की याचिका स्वीकार्य नहीं है। CJI की इस फटकार के बाद कोर्ट में अनुशासन और गरिमा बनाए रखने पर जोर दिया गया।