योगी सरकार ने पेश किया 12,209 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

योगी सरकार ने यूपी विधानमंडल के सत्र के दूसरे दिन 12,209.93 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया। इस बजट का 1.6 प्रतिशत औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किया गया है। अन्य प्रमुख क्षेत्रों में ऊर्जा विभाग, परिवहन विभाग, नगर विकास, कौशल विकास, ग्रामीण स्टेडियम, माध्यमिक शिक्षा और संस्कृति विभाग शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महिला और बाल सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता को दोहराते हुए, एंटी रोमियो स्क्वायड और मिशन शक्ति अभियान की प्रगति पर प्रकाश डाला। रसोईयों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि और पंचायत सचिवालय के माध्यम से ग्रामीण स्वावलंबन को भी बल दिया गया है।

योगी सरकार ने पेश किया 12,209 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

INDC Network : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : यूपी विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन योगी सरकार ने विधानसभा में 12,209.93 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया, जो मूल बजट का 1.6 प्रतिशत है। इसमें सबसे अधिक 7,500.81 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए आवंटित किए गए हैं।

इसके अलावा, 2,000 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग के लिए, 1,000 करोड़ रुपये परिवहन विभाग को नई बसें खरीदने के लिए प्रस्तावित किए गए हैं। नगर विकास विभाग की अमृत योजना के लिए 600 करोड़ रुपये, उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अल्पकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 200 करोड़ रुपये, ग्रामीण स्टेडियम और ओपन जिम के लिए 100 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत 284 राजकीय इंटर कॉलेजों में लैब की स्थापना के लिए 28.40 करोड़ रुपये, 1,040 राजकीय इंटर कॉलेज में आईसीटी लैब की स्थापना के लिए 66.82 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

संस्कृति विभाग की योजनाओं के लिए 74.90 करोड़ रुपये और अटल आवासीय विद्यालयों के लिए 53.85 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

योगी आदित्यनाथ (मुख्यमंत्री) ने महिलाओं और बच्चों के यौन उत्पीड़न के मामलों में की गई कार्रवाई पर जवाब देते हुए कहा कि यूपी में इन मामलों में आरोपियों को सजा देने में प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। 2016 से तुलना की जाए तो प्रदेश में यौन उत्पीड़न के मामलों में 17.5 प्रतिशत की कमी आई है और दुष्कर्म के मामलों में 25 प्रतिशत की कमी आई है।


यहाँ क्लिक करें - Eskill Gyan


मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है। एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन इसका प्रमाण है। महिला और बाल अपराध निस्तारण में प्रदेश पहले नंबर पर है। प्रदेश में हर जनपद में एक महिला थाना स्थापित किया गया है और महिला थानाध्यक्ष को अतिरिक्त थाने की जिम्मेदारी भी दी गई है। 2020 से सरकार मिशन शक्ति अभियान को आगे बढ़ा रही है और पिछले 7 वर्षों में करीब 1.5 लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है, जिसमें 20,000 महिला पुलिस शामिल हैं।

रसोईयों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2012 से 2017 तक समाजवादी पार्टी की सरकार में रसोईयों को 500 रुपये से भी कम मानदेय मिलता था। हमारी सरकार ने 2022 में इसे न्यूनतम 2,000 रुपये किया। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है और उन्हें टैबलेट्स दिए गए हैं।

प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंचायत सचिवालय का निर्माण किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वावलंबन बढ़े। पंचायत सहायक और बीसी सखी जैसे पदों के माध्यम से ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। बीसी सखियां बैंकिंग लेनदेन का कार्य कर रही हैं और अच्छी आय अर्जित कर रही हैं। एक सुल्तानपुर की बीसी सखी अब तक 15 लाख रुपये से अधिक का कमीशन प्राप्त कर चुकी है। पंचायत सहायकों को 6,000 रुपये प्रतिमाह दिए जाते हैं और अतिरिक्त आय के अवसर भी मिलते हैं।


बजट एक वित्तीय दस्तावेज है जो किसी सरकार, कंपनी, संगठन, या व्यक्ति के आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान आय और व्यय का अनुमान प्रस्तुत करता है। यह भविष्य के खर्चों और आय को नियोजित करने का एक महत्वपूर्ण साधन होता है। एक देश या राज्य के लिए बजट का अर्थ है कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष में कितनी राशि खर्च करेगी, किस क्षेत्र में खर्च करेगी, और उस राशि को कैसे जुटाएगी।

1. बजट क्या होता है?

  • परिभाषा: बजट एक वित्तीय योजना है जिसमें आगामी अवधि, आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष, के लिए आय और व्यय का अनुमान लगाया जाता है। यह योजना सरकार, संगठन, या व्यक्ति की आय और खर्चों को संतुलित करने और वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाई जाती है।
  • प्रकार: बजट कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:
    • संतुलित बजट: जब आय और व्यय का अनुमान समान होता है।
    • घाटे का बजट: जब व्यय का अनुमान आय से अधिक होता है।
    • अधिशेष बजट: जब आय का अनुमान व्यय से अधिक होता है।

2. देश का बजट:

  • परिचय: एक देश का बजट राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, और सरकारी योजनाओं के लिए धनराशि का आवंटन किया जाता है। यह बजट देश की आर्थिक नीतियों और प्राथमिकताओं को दर्शाता है।

  • बजट की प्रक्रिया:

    • तैयारी: वित्त मंत्रालय बजट तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत करता है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से उनके प्रस्तावित खर्चों और नीतियों के बारे में जानकारी ली जाती है।
    • पूर्व बजट विचार-विमर्श: वित्त मंत्रालय उद्योग जगत, व्यापार संघों, अर्थशास्त्रियों, और अन्य विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करता है ताकि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार बजट तैयार किया जा सके।
    • बजट का मसौदा: वित्त मंत्रालय सभी जानकारी को संकलित करता है और एक बजट का मसौदा तैयार करता है। यह मसौदा फिर प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने रखा जाता है।
    • बजट पेश करना: वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं। भारत में यह आमतौर पर फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को किया जाता है।
    • संसद में चर्चा: संसद में बजट पर चर्चा होती है, और सांसद विभिन्न प्रस्तावों पर अपनी राय देते हैं। इसके बाद बजट को संसदीय समिति को भेजा जाता है जो इसे विस्तार से अध्ययन करती है।
    • बजट का अनुमोदन: संसद द्वारा बजट को मंजूरी मिलने के बाद, यह कानूनी रूप से लागू होता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए खर्च और आय की योजना बन जाती है।
  • बजट के प्रमुख तत्व:

    • राजस्व बजट: यह बजट का वह हिस्सा होता है जिसमें सरकार की आय (जैसे टैक्स, शुल्क, लाभांश) और राजस्व व्यय (जैसे वेतन, सब्सिडी, ब्याज भुगतान) का विवरण होता है।
    • पूंजी बजट: यह बजट का वह हिस्सा होता है जिसमें सरकार की पूंजीगत प्राप्तियाँ (जैसे ऋण, विनिवेश, सार्वजनिक ऋण) और पूंजीगत व्यय (जैसे सड़क निर्माण, बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ) का विवरण होता है।

3. राज्य का बजट:

  • परिचय: जैसे देश का बजट होता है, वैसे ही प्रत्येक राज्य का भी अपना बजट होता है। राज्य का बजट राज्य की आर्थिक स्थिति, विकास योजनाओं, और राजस्व को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है।

  • बजट की प्रक्रिया:

    • तैयारी: राज्य के वित्त विभाग द्वारा बजट तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया केंद्रीय बजट की तरह होती है, लेकिन इसे राज्य की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है।
    • पूर्व बजट विचार-विमर्श: राज्य का वित्त विभाग भी विभिन्न विभागों, स्थानीय निकायों, और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करता है।
    • बजट का मसौदा: राज्य के वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए बजट मसौदे को मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाता है।
    • राज्य विधानसभा में पेश करना: राज्य का बजट राज्य विधानसभा में पेश किया जाता है, और फिर इस पर चर्चा होती है।
    • अनुमोदन: बजट पर चर्चा के बाद, इसे राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया जाता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए लागू किया जाता है।
  • बजट के प्रमुख तत्व:

    • राजस्व बजट: राज्य सरकार की आय और राजस्व खर्चों का विवरण। इसमें राज्य के अपने स्रोतों से प्राप्त टैक्स, केंद्र सरकार से अनुदान, और अन्य आय शामिल होती है।
    • पूंजी बजट: पूंजीगत खर्चों और प्राप्तियों का विवरण। इसमें बुनियादी ढांचा विकास, परियोजनाओं के लिए ऋण, और निवेश शामिल होता है।

4. बजट की चुनौतियाँ और सुधार:

  • चुनौतियाँ: बजट तैयार करते समय कई चुनौतियाँ आती हैं, जैसे राजस्व की कमी, खर्चों की प्राथमिकता तय करना, और आर्थिक अस्थिरता का प्रबंधन करना। इसके अलावा, सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने के लिए भी बजट में प्रावधान करना होता है।
  • सुधार: बजट प्रक्रिया में सुधार के लिए सरकारें समय-समय पर नीतियाँ और कार्यक्रम लागू करती हैं। इनमें वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता, और जनभागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बजट प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जा रहा है।

5. बजट का प्रभाव:

  • आर्थिक विकास: बजट देश और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकार की नीतियों और योजनाओं के माध्यम से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में धनराशि आवंटित करता है।
  • जनता पर प्रभाव: बजट सीधे तौर पर जनता की जिंदगी पर असर डालता है। टैक्स नीतियों, सब्सिडी, और सरकारी योजनाओं के माध्यम से बजट आम जनता के जीवन स्तर को प्रभावित करता है।
  • सामाजिक न्याय: बजट का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना है। इसके लिए बजट में गरीबों, वंचितों, और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं।

6. उदाहरण:

  • भारत का केंद्रीय बजट 2024-25: उदाहरण के लिए, यदि हम भारत के केंद्रीय बजट 2024-25 को लें, तो इसमें विभिन्न मंत्रालयों, जैसे रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी। इसके साथ ही, सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में करों में परिवर्तन किया जा सकता है, सब्सिडी बढ़ाई जा सकती है, और नई योजनाओं की शुरुआत हो सकती है।

बजट एक देश या राज्य की आर्थिक योजना और नीतियों का प्रतिबिंब होता है। यह सरकार के कामकाज की दिशा और उसकी प्राथमिकताओं को दर्शाता है। बजट की प्रक्रिया में कई स्तरों पर विचार-विमर्श, विश्लेषण, और निर्णय शामिल होते हैं, जो अंततः देश या राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।