महिलाओं को वोटिंग के दौरान पिस्टल देखते हुए SHO पर चंद्रशेखर आजाद ने दी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के दौरान धांधली के गंभीर आरोपों से सियासी माहौल गरमा गया। समाजवादी पार्टी और चंद्रशेखर आजाद सहित विपक्षी नेताओं ने पुलिस और प्रशासन पर मतदाताओं को रोकने और डराने के आरोप लगाए। अखिलेश यादव ने एक वीडियो जारी कर कार्रवाई की मांग की, जबकि चंद्रशेखर ने एक तस्वीर साझा कर लोकतंत्र की स्थिति पर सवाल खड़े किए। सपा ने कार्यकर्ताओं से ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।

महिलाओं को वोटिंग के दौरान पिस्टल देखते हुए SHO पर चंद्रशेखर आजाद ने दी प्रतिक्रिया

INDC Network : उत्तर प्रदेश उपचुनाव : महिलाओं को वोटिंग के दौरान पिस्टल देखते हुए SHO पर चंद्रशेखर आजाद ने दी प्रतिक्रिया

उपचुनाव में धांधली का आरोप

उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के मतदान प्रक्रिया के बीच पुलिस और प्रशासन पर धांधली के आरोप लगते रहे। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने चुनाव में निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा, "पारंपरिक मतदाताओं को मतदान करने से रोका गया। यह बेहद गंभीर मामला है। चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए।"


अखिलेश यादव ने की SHO के निलंबन की मांग

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो साझा कर मीरापुर के ककरौली थाना क्षेत्र के SHO पर मतदाताओं को डराने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अधिकारी रिवॉल्वर का इस्तेमाल कर लोगों को मतदान से रोक रहे थे। अखिलेश ने चुनाव आयोग से तुरंत SHO को निलंबित करने की मांग की।


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चंद्रशेखर आजाद का गंभीर आरोप

चंद्रशेखर आजाद ने पुलिसकर्मियों की तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वे पिस्टल ताने हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने लिखा, "लोकतंत्र के रखवाले ही सत्ता के आगे झुक गए हैं, यह बेहद शर्मनाक है।" आजाद ने अपनी पोस्ट में चुनाव आयोग को टैग कर इस मामले की जांच की मांग की।


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समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ताओं को अपील

समाजवादी पार्टी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि मतदान समाप्त होने के बाद ईवीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि "ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम तक पहुंचने तक निगरानी रखें। साथ ही पोलिंग एजेंट पीठासीन अधिकारी से फॉर्म 17 ग (भाग-1) प्राप्त करें।"


चुनाव आयोग की कार्रवाई

विपक्ष के लगातार आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने त्वरित संज्ञान लिया और आधा दर्जन से अधिक पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की। हालांकि, विपक्ष ने इसे अपर्याप्त बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।


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