राहुल गाँधी का बड़ा खुलासा या दावा ? वो छुप-छुपकर बंद कमरों में संविधान की हत्या करते हैं

इस लेख में कांग्रेस नेता की उस विचारधारा पर चर्चा की गई है, जिसमें महात्मा गांधी, फुले, और अंबेडकर की सोच के आधार पर संविधान की रक्षा और समाज में भाईचारे की बात की गई है। उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में नफरत, हिंसा और गुस्सा फैलाने का प्रयास हो रहा है, जबकि इसके विपरीत संविधान में समानता, प्रेम और आदर का संदेश है। नफरत को मोहब्बत से काटने की इस सोच को कांग्रेस पार्टी का डीएनए बताते हुए, उन्होंने संविधान और उसकी मूल भावना के महत्व पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने इसे कमजोर करने वाली वर्तमान सरकार की नीतियों और अमीर-गरीब के बीच बढ़ती खाई पर भी सवाल उठाए।

राहुल गाँधी का बड़ा खुलासा या दावा ? वो छुप-छुपकर बंद कमरों में संविधान की हत्या करते हैं
महाराष्ट्र में जनसभा के दौरान राहुल गाँधी समेत मंच पर उपस्तिथअन्य कांग्रेसी नेता

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महात्मा गांधी का संदेश: नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान

भारत की राजनीति में जब नफरत, हिंसा और गुस्से का बोलबाला हो रहा था, तब कांग्रेस नेता ने "नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान" खोलने का संकल्प लिया। उनका कहना है कि राजनीति में 'लव यू' जैसे शब्द गायब हो गए थे और वे अब इसे दोबारा वापस लाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि "अगर नफरत का ठेका किसी और ने ले रखा है, तो हम मोहब्बत का ठेका ले लेंगे।"


संविधान की रक्षा और उसकी मूल भावना

भारत के संविधान को दिखाते हुए उन्होंने बताया कि इसमें महात्मा गांधी, अंबेडकर, फुले, नारायण गुरु, बसवन्ना और बुद्ध जैसे महान विचारकों की सोच है, जो देश में समानता और प्रेम का संदेश देते हैं। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे इस संविधान की हत्या कर रहे हैं, और इसे कमजोर करने में लगे हैं। "संविधान में कहीं नहीं लिखा कि हमें एक-दूसरे को मारना चाहिए या किसी पर अत्याचार करना चाहिए," उन्होंने जोर देकर कहा।


संविधान और लोकतंत्र पर हमले

नेता ने महाराष्ट्र सरकार के गिरने का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे संविधान की मूल भावना को तोड़कर सत्ता हथियाई गई। "जब महाराष्ट्र की सरकार को गिराने के लिए विधायकों को भारी रकम दी गई, तो यह संविधान की हत्या थी," उन्होंने कहा। उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने पूछा, "क्या संविधान में कहीं लिखा है कि महाराष्ट्र से बड़े उद्योगों को दूसरे प्रदेशों में भेज देना चाहिए?"


अंबानी-अडानी का कर्ज माफ, किसान की मेहनत का अनादर

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अडानी और अंबानी जैसे बड़े व्यापारियों का 16 लाख करोड़ का कर्ज माफ किया गया, लेकिन किसानों को उनकी मेहनत का सही दाम नहीं दिया जाता। "अडानी-अंबानी के हाथ मुलायम हैं, पर किसानों के हाथ फट गए हैं," उन्होंने कहा। यह एक तरह का आर्थिक अन्याय है जो संविधान की समानता की भावना के खिलाफ है।


संविधान बचाओ, देश बचाओ

नेता ने जनता से आह्वान किया कि वे इस संविधान को बचाने के लिए खड़े हों, जो देश की आत्मा है। उन्होंने कहा कि नफरत का जवाब नफरत से नहीं दिया जा सकता। "अगर कोई आपसे नफरत करता है, तो मोहब्बत दिखाने से ही नफरत कटती है," उन्होंने जनता को याद दिलाया।