बुलडोजर एक्शन संविधान के खिलाफ, सिर्फ आरोपी का घर तोड़ना अस्वीकार्य... सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

देशभर में बढ़ते बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि बिना कानूनी प्रक्रिया के किसी की संपत्ति से उसे वंचित करना असंवैधानिक है। अदालत ने उत्तर प्रदेश में हुए बुलडोजर कार्रवाई के मामलों पर सवाल उठाए और चेतावनी दी कि गैरकानूनी तरीके से की गई तोड़फोड़ के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इसके साथ ही, अदालत ने प्रभावित व्यक्तियों को 25 लाख रुपये मुआवजे का भी आदेश दिया।

बुलडोजर एक्शन संविधान के खिलाफ, सिर्फ आरोपी का घर तोड़ना अस्वीकार्य... सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

INDC Network : नई दिल्ली : बुलडोजर एक्शन संविधान के खिलाफ, सिर्फ आरोपी का घर तोड़ना अस्वीकार्य... सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

संविधान के खिलाफ है मनमाना बुलडोजर एक्शन

देश में बढ़ते बुलडोजर एक्शन के मद्देनज़र सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर गंभीर टिप्पणी की है। कोर्ट ने साफ कहा कि किसी भी सरकार को किसी भी नागरिक की संपत्ति बिना उचित कानूनी आधार के छीने जाने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि आरोपी का घर केवल संदेह के आधार पर तोड़ना असंवैधानिक है और इस प्रकार की कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 300ए का उल्लंघन है, जिसमें संपत्ति के अधिकार को महत्वपूर्ण माना गया है।


पूर्व चीफ जस्टिस ने बुलडोजर जस्टिस पर जताई आपत्ति

इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि 'बुलडोजर न्याय' कानून के शासन के खिलाफ है और इसे अनुमति देना संविधान के तहत व्यक्ति की संपत्ति के अधिकार को ध्वस्त करने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर को बुलडोजर एक्शन पर अस्थाई रोक लगाई थी, ताकि इस तरह की कार्रवाई के कानूनी पहलुओं पर गौर किया जा सके।


25 लाख मुआवजे का आदेश और कानूनी चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में एक मकान को तोड़े जाने से संबंधित मामले में अपना अंतिम निर्णय देते हुए राज्य सरकार को प्रभावित व्यक्ति को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। यह मकान सड़क परियोजना के अंतर्गत बुलडोजर कार्रवाई में ध्वस्त कर दिया गया था। अदालत ने कहा कि इस तरह की कार्रवाइयों में अधिकारी जिम्मेदार होंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अदालत का यह निर्णय देशभर में बुलडोजर एक्शन को लेकर जागरूकता और कानूनी चेतावनी का संदेश दे रहा है।