प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत के दौरान शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, “मैं रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे विवाद पर लगातार आपके संपर्क में रहा हूं। जैसा कि मैंने पहले भी कहा है, समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।" मोदी ने यह भी कहा कि भारत हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार है ताकि इस संकट का समाधान निकाला जा सके।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत मानवता को सर्वोपरि मानते हुए शांति बहाल करने के प्रयासों का समर्थन करता है। भारत की ओर से यह स्पष्ट संकेत दिया गया कि वह आने वाले समय में इस मुद्दे पर और सहयोग करेगा।
यह द्विपक्षीय बैठक प्रधानमंत्री मोदी की पिछले तीन महीनों में रूस की दूसरी यात्रा थी, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के बीच संबंध कितने मजबूत हैं। उन्होंने कहा, "पिछले तीन महीनों में रूस की मेरी दो यात्राएं हमारे घनिष्ठ समन्वय और गहरी मित्रता को दर्शाती हैं।" मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्रिक्स के मंच ने पिछले 15 वर्षों में एक विशेष पहचान बनाई है और अब दुनिया के कई देश इसमें शामिल होना चाहते हैं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस बैठक में गर्मजोशी से मोदी का स्वागत किया और कहा, “मुझे याद है कि हम जुलाई में मिले थे और कई मुद्दों पर बहुत अच्छी चर्चा हुई थी। हमने कई बार टेलीफोन पर भी बात की थी।” पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी का कज़ान आने के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने हैं।
उन्होंने रूसी-भारतीय संबंधों की विशेषता को भी रेखांकित किया, जिसमें दोनों देशों के बीच विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का उल्लेख किया गया। पुतिन ने इस साझेदारी के सक्रिय रूप से विकसित होने की बात कही। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के प्रति समर्थन और सहयोग को दोहराया, जो भारत-रूस संबंधों की गहराई को दर्शाता है।