कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट में 21 नवंबर को मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई
कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद पर सुप्रीम कोर्ट 21 नवंबर को तीन महत्वपूर्ण याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। ये याचिकाएं मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसलों को चुनौती देते हुए दाखिल की हैं। हाईकोर्ट ने इन मुकदमों को सुनवाई योग्य माना था और इससे जुड़े सभी 15 मामलों को एक साथ जोड़ने और सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। विवाद में हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बनी है।
INDC Network : उत्तर प्रदेश : कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट में 21 नवंबर को मुस्लिम पक्ष की याचिकाओं पर सुनवाई
मामला क्या है?
मथुरा में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद और श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर विवाद दशकों पुराना है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बने मंदिर को तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया था। इस विवाद को लेकर हिंदू पक्ष ने 18 मुकदमे दाखिल किए हैं, जिनमें मस्जिद का ढांचा हटाकर भूमि पर मंदिर पुनर्स्थापित करने की मांग की गई है।
मुस्लिम पक्ष की याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल तीन याचिकाओं में मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन अलग-अलग फैसलों को चुनौती दी है:
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हाईकोर्ट का मुकदमे सुनवाई योग्य मानने का फैसला:
1 अगस्त 2024 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष द्वारा दायर मुकदमों को सुनवाई योग्य (मेंटेनेबल) माना। कोर्ट ने कहा कि ये मुकदमे समय सीमा, वक्फ अधिनियम और पूजा स्थल अधिनियम, 1991 से बाधित नहीं हैं। पूजा स्थल अधिनियम के तहत 15 अगस्त 1947 से पहले की स्थिति को परिवर्तित नहीं किया जा सकता। -
निचली अदालतों के मामलों को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश:
मुस्लिम पक्ष ने उस आदेश को चुनौती दी जिसमें मथुरा की निचली अदालतों में चल रहे सभी मामलों को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए ट्रांसफर किया गया। -
सभी मुकदमों को एक साथ जोड़ने का निर्णय:
मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट द्वारा विवाद से जुड़े सभी 15 मुकदमों को एक साथ जोड़ने और सुनवाई करने के फैसले को भी चुनौती दी है।
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हाईकोर्ट का रुख
इलाहाबाद हाईकोर्ट की जस्टिस मयंक जैन की बेंच ने स्पष्ट किया कि हिंदू पक्ष के मुकदमे सुनवाई योग्य हैं। कोर्ट ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम इस मामले में बाधा नहीं बनता क्योंकि यह 15 अगस्त 1947 की स्थिति को बदलने से रोकता है, लेकिन विवादित स्थल को लेकर अन्य कानूनी दावे हो सकते हैं।
आगे का रास्ता
अब सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच 21 नवंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सुप्रीम कोर्ट इन याचिकाओं पर क्या रुख अपनाती है।