मथुरा में पानी की टंकी गिरने से 2 की मौत, 12 घायल हुए, बचाव अभियान जारी है।

मथुरा के कृष्णा विहार कॉलोनी में रविवार को 2021 में बनाई गई 2.5 लाख लीटर की पानी की टंकी गिर गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। जिला मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बचाव अभियान जारी है और एनडीआरएफ को भी बुलाया गया है। अत्यधिक बारिश को टंकी गिरने का कारण बताया गया है। घटना के बाद मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है और घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

मथुरा में पानी की टंकी गिरने से 2 की मौत, 12 घायल हुए, बचाव अभियान जारी है।

INDC Network : मथुरा (उत्तर प्रदेश) : जल निगम ने 2021 में गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत ₹6 करोड़ की लागत से एक पानी की टंकी का निर्माण किया था। रविवार को मथुरा के एक रिहायशी इलाके में यह टंकी गिर गई, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 12 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। बचाव अभियान अभी भी जारी है। यह घटना उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद द्वारा विकसित कृष्णा विहार कॉलोनी में शाम करीब 6 बजे हुई। अधिकारियों ने बताया कि 2.5 लाख लीटर की टंकी के मलबे में बच्चों समेत कुछ लोगों के दबे होने से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। आसपास के कुछ घर भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 

जिला मजिस्ट्रेट शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि घायलों को जिला अस्पताल में ले जाया गया है। अग्निशमन सेवा, पुलिस, राजस्व, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीमों के साथ बचाव अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी बुलाया गया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट योगेंद्र पांडे ने दो मौतों की पुष्टि की, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि मलबा हटाने का काम अभी भी जारी है, जिसमें कई लोग फंसे हुए हैं।

मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कुमार पांडे ने बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण 2.50 लाख लीटर की टंकी गिर गई। जिले की बचाव टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और बचाव अभियान तुरंत शुरू हुआ। जिला मजिस्ट्रेट और मैंने तुरंत एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हम अभी भी मलबे में दबे हुए लोगों की तलाश कर रहे हैं।

डीएम ने कहा कि पानी की टंकी 2021 में बनकर तैयार हुई थी और महज तीन साल में इसके ढहने की जांच की जाएगी। जल निगम द्वारा गंगाजल पेयजल परियोजना के तहत बनाए गए इस टैंक पर 6 करोड़ रुपये की लागत आई थी।