बाबू सिंह कुशवाहा ने जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों बनाया।

लोकसभा चुनाव 2024 में जौनपुर से सांसद चुने जाने के बाद, जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूसिंह कुशवाहा ने लखनऊ के गांधी भवन में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपनी पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया। इस फैसले को पार्टी के कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया और खुशी जाहिर की। बाबूसिंह कुशवाहा अब इंडिया गठबंधन समाजवादी पार्टी के सांसद के रूप में जनता की सेवा करेंगे।

बाबू सिंह कुशवाहा ने जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष क्यों बनाया।

INDC Network : लोकसभा चुनाव 2024 में जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबूसिंह कुशवाहा को जौनपुर से समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन और जन अधिकार पार्टी का संयुक्त प्रत्याशी बनाया गया था। सभी दलों की कड़ी मेहनत और प्रयासों के बाद जौनपुर के मतदाताओं ने बाबूसिंह कुशवाहा को अपना सांसद चुना। बाबूसिंह कुशवाहा, जो जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, ने जीत के बाद लखनऊ के गाँधी भवन में अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

इसके साथ ही, उन्होंने अपनी पत्नी शिवकन्या कुशवाहा को जन अधिकार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया। इस निर्णय से जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने अपने विचार रखे। अब बाबूसिंह कुशवाहा जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं रहेंगे, बल्कि इंडिया गठबंधन समाजवादी पार्टी के सांसद के रूप में जनता की सेवा करेंगे।

16 जून 2024 को लखनऊ के गांधी भवन केसरबाग में जन अधिकार पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान, बाबूसिंह कुशवाहा के इस्तीफा देने से रिक्त पद को भरने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष प्रहलाद मौर्य ने शिवकन्या कुशवाहा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे पार्टी के सभी पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया। इसके बाद, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव इरफान इरशाद ने शिवकन्या कुशवाहा को जन अधिकार पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया।

सम्मेलन में बाबूसिंह कुशवाहा ने कई अहम मुद्दों पर पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ चर्चा की और अपने विपक्षियों को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जो लोग हमारी पार्टी या हमारे समाज के बारे में गलत धारणाएं रखते थे, आज जब हम सांसद बन चुके हैं, तो वे लोग अब कुछ नहीं कह रहे हैं।

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