फर्रुखाबाद : बेवर रोड पर बन रहे टोल प्लाजा के खिलाफ डॉ. नवल किशोर शाक्य समेत ग्रामवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया
फर्रुखाबाद प्रशासन द्वारा वाहिदपुर गांव में घरों और मकानों को अवैध रूप से तोड़ने की कोशिश के विरोध में समाजवादी पार्टी के फर्रुखाबाद लोकसभा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य ने गांव का दौरा किया और ग्रामवासियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। भारतीय किसान यूनियन के नेता भी इस आंदोलन में साथ हैं और टोल प्लाजा के अवैध निर्माण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ग्रामवासियों ने प्रशासन के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है और डॉ. शाक्य ने उनके साथ खड़े होने का वादा किया है।
INDC Network : फर्रुखाबाद : समाजवादी पार्टी के फर्रुखाबाद लोकसभा प्रत्याशी डॉ. नवल किशोर शाक्य ने फर्रुखाबाद बेवर रोड स्थित वाहिदपुर गांव का दौरा किया। वहां उन्होंने देखा कि फर्रुखाबाद प्रशासन पिछले कई दिनों से गांव के घरों और मकानों को अवैध रूप से तोड़ने की कोशिश कर रहा है। भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने गांववासियों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है और कहा है कि अगर प्रशासन अपनी जिद पर अड़ा रहता है तो वे भी पीछे नहीं हटेंगे।
डॉ. नवल किशोर शाक्य ने गांववासियों की सहायता करने का वादा किया और कहा कि वे प्रशासन की इस मनमानी के खिलाफ हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय किसान यूनियन के नेता भी उनके साथ हैं और वे टोल प्लाजा के अवैध निर्माण को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ. नवल किशोर शाक्य ने फर्रुखाबाद लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी गांववासियों से मिलने का सिलसिला जारी रखा है। इसके विपरीत, भाजपा सांसद मुकेश राजपूत चुनाव जीतने के बाद भी लोगों से मिलने नहीं पहुंचे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के नेता प्रशासन के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और प्रशासन द्वारा टोल प्लाजा का नक्शा नहीं दिखाए जाने के कारण इसे अवैध बता रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन एसडीएम और डीएम से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
ग्रामवासियों ने टोल प्लाजा के खिलाफ कोर्ट का रुख किया है और आरोप लगाया है कि जब वे हाईकोर्ट का आदेश लेकर डीएम के पास पहुंचे, तो डीएम ने कागज देखने से इनकार कर दिया और उन्हें फेंक दिया। गांववालों का कहना है कि उनका केस अभी हाईकोर्ट में चल रहा है, और जब तक कोई निर्णय नहीं आता, प्रशासन अपनी मनमानी नहीं कर सकता।
डॉ. नवल किशोर के दौरे के दौरान, वाहिदपुर गांव की कुछ महिलाएं उन्हें देखकर भावुक हो गईं और रोने लगीं, क्योंकि प्रशासन उनके घरों को तोड़ने की कोशिश कर रहा है।