जनेश्वर मिश्र पार्क की दुर्दशा पर अखिलेश ने भाजपा को निशाने पर लिया

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 5 अगस्त 2024 को जनेश्वर मिश्र पार्क में श्रद्धासुमन अर्पित किए। पार्क की दुर्दशा देखकर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वे पार्क की सुंदरता को बर्बाद कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जनेश्वर मिश्र पार्क, लायन सफारी और ग्रीन बेल्ट का निर्माण कराया था, जिनका पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

जनेश्वर मिश्र पार्क की दुर्दशा पर अखिलेश ने भाजपा को निशाने पर लिया
Image Sourse : Akhilesh Yadav (Facebook)

INDC Network : लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 5 अगस्त 2024 को समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री जनेश्वर मिश्र की जयंती पर जनेश्वर मिश्र पार्क में श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहां की दुर्दशा देखकर उन्होंने गहरी चिंता व्यक्त की। यह पार्क लोगों की जिंदगी में हरियाली का एहसास लाने के उद्देश्य से बना था, लेकिन भाजपा सरकार इसे बदसूरत और बदहाल बनाने पर तुली हुई है। प्राकृतिक सौंदर्य न केवल धरती के परिवेश को सुशोभित करता है, बल्कि जीवन में रंग और उमंग भरने में भी सहायक होता है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की पर्यावरण संरक्षण में विशेष रुचि रही है और उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जो कदम उठाए, उनका प्रतिफल आज भी मिल रहा है।

श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में राजधानी लखनऊ में 376 एकड़ में जनेश्वर मिश्र पार्क का निर्माण कराया, जो लंदन के हाईड पार्क के तर्ज पर उतने ही क्षेत्रफल में बना है। वहीं इटावा में एक हजार एकड़ में लायन सफारी बनाकर उन्होंने वन्य जीवों के संरक्षण के साथ वन संरक्षण की दिशा में भी काम किया। इसके अलावा एक हजार एकड़ में ग्रीन बेल्ट विकसित की गई थी। यह अलग बात है कि लायन सफारी में जहां दशक पूर्व के प्रयासों के सुफल स्वतः मिलने लगे हैं, वहीं राजनीतिक विद्वेष भावना के चलते लखनऊ में जनेश्वर मिश्र पार्क का सौंदर्य बिगाड़ने में भाजपा सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। लायन सफारी की हरियाली और जनेश्वर मिश्र पार्क की हरियाली से पर्यावरण संतुलन की अनोखी भूमिका निर्मित हुई है। इटावा के लायन सफारी का प्राकृतिक वातावरण आने जाने वालों का मन मोह लेता है। न केवल पर्यटक अपितु वहां रह रहे वन्य जीव भी अपने को प्राकृतिक रूप से सहज पाते हैं। उनका पूरी तरह संरक्षण होता है।

लायन सफारी में जैव विविधता का अनोखा संगम है। यहां विभिन्न प्रजातियों के 450 किस्म के वृक्षों की पंक्तियां जहां हवा में हिलोरें लेती हैं, वहीं 65 प्रजाति की तितलियां उड़ान में रंग बिखेरती हैं। 223 किस्म के पक्षी यहां उड़ान भरते हैं। लायन सफारी में गुजरात और दूसरे स्थानों से शेर और अन्य वन्यजीव लाने का काम श्री अखिलेश यादव ने ही किया था। यहां 16 तेंदुए और भालुओं के अलावा लेपर्ड भी लाए गए थे। राजधानी का जनेश्वर मिश्र पार्क अपने विस्तारित क्षेत्र में हरियाली से हरा-भरा लोगों को संजीवनी रूप में ऑक्सीजन प्रदान करता है। इस पार्क का सौंदर्य जहां मनोहारी है, वहीं स्वास्थ्य की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यहां खेलकूद, बच्चों के मनोरंजन और बोटिंग की व्यवस्था है। झील में पानी की लहरों के बीच बोटिंग की सुविधा की गई है।

श्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में जनेश्वर मिश्र पार्क में झील के लिए विशेष नावें मंगाई थीं। यह अजीब है कि अब झील के किनारे भाजपा सरकार के मंत्रियों के नाम की पट्टियां लगाई जा रही हैं। जनेश्वर मिश्र पार्क के सौंदर्य को बिगाड़ने में भाजपा सरकार को कोई संकोच नहीं है। तमाम प्रजातियों के खूबसूरत पेड़ों के रखरखाव में लापरवाही हो रही है। बच्चों के खेल के उपकरण खराब हो रहे हैं। वहां जूरासिक पार्क बनाकर प्राकृतिक सौंदर्य का स्वरूप खराब करने का काम नहीं होना चाहिए। ग्रीन बेल्ट का स्वरूप बिगाड़ा जा रहा है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ के दुष्प्रभावों की जानकारी से अनजान भाजपा सरकार ऐसे खतरनाक कार्यों को कर रही है।

वास्तव में समाजवादी सोच हमेशा जनहित को प्राथमिकता देती रही है। लोग स्वस्थ और प्रकृति के निकट रहें, इस उद्देश्य से नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में गोमती नगर, लखनऊ में डॉ. राममनोहर लोहिया पार्क का निर्माण हुआ था। वहां आज भी छायादार पेड़ों के नीचे योग और एक्सरसाइज करते सैकड़ों युवा-वृद्ध रोज ही मिल जाएंगे। बच्चों का कोलाहल यहां चिड़ियों की चहचहाहट के साथ मिलकर मनोरम वातावरण बनाता है। चूंकि लायन सफारी, जनेश्वर मिश्र पार्क और लोहिया पार्क का निर्माण समाजवादी सरकार में हुआ था, इसीलिए भाजपा सरकार का इनके रखरखाव के प्रति रवैया पूर्णतया असंवेदनशील और विद्वेष परक है। जनता का स्वास्थ्य और प्रकृति का सौंदर्य उन्हें रास नहीं आता है।