भारतीय रेलवे का गर्व: चेनाब रेल पुल का सफल ट्रायल हुआ, इस रेलवे ब्रिज में जानिये क्या खास है ?
गुरुवार को भारतीय रेलवे ने जम्मू और कश्मीर में दुनिया के सबसे ऊँचे रेल पुल, चेनाब रेल पुल पर सफल ट्रायल रन सम्पन्न किया। यह पुल कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण है।
INDC Network : गुरुवार को भारतीय रेलवे ने जम्मू और कश्मीर में स्थित दुनिया के सबसे ऊँचे रेल पुल, चेनाब रेल पुल पर सफल ट्रायल रन सम्पन्न किया। यह नया पुल रामबन जिले के संगलदान और रियासी जिले के बीच स्थित है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया, "जम्मू और कश्मीर में USBRL परियोजना के संगलदान-रियासी खंड में मेमू ट्रेन का सफल ट्रायल रन।"
वर्तमान में, कन्याकुमारी से कटरा तक और कश्मीर घाटी में बारामुल्ला से संगलदान तक ट्रेनें चलती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने 20 फरवरी, 2024 को USBRL परियोजना के 48.1 किलोमीटर लंबे बनिहाल-सांगलदान खंड का उद्घाटन किया। परियोजना के पहले चरण में 118 किलोमीटर लंबे काजीगुंड-बारामुल्ला खंड का उद्घाटन अक्टूबर 2009 में हुआ था। इसके बाद, 18 किलोमीटर लंबे बनिहाल-काजीगुंड खंड का उद्घाटन जून 2013 में और 25 किलोमीटर लंबे उधमपुर-कटरा खंड का उद्घाटन जुलाई 2014 में किया गया था।
चेनाब रेल पुल, जो जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में चेनाब नदी पर स्थित है, नदी के तल से 359 मीटर (लगभग 1,178 फीट) ऊपर है। यह एफिल टावर से लगभग 35 मीटर ऊंचा है और कुल लंबाई में 1,315 मीटर का है। यह पुल कश्मीर घाटी को भारतीय रेलवे नेटवर्क में शामिल करने के लिए महत्वपूर्ण है और उत्तरी जम्मू और कश्मीर के कठोर भू-भागों में इस परियोजना ने कई चुनौतियों का सामना किया है। परियोजना को अधिकारिक तौर पर दिसंबर 2002 में मंजूरी मिली थी और मार्च 2023 तक ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो गया था।
भारत का सबसे ऊँचा रेलवे ब्रिज "चिनाब ब्रिज" है, जो जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर स्थित है। इस पुल का निर्माण भारतीय रेलवे की उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना के तहत हुआ है। आइए, इस ब्रिज के बारे में विस्तार से जानते हैं:
चिनाब ब्रिज की विशेषताएँ:
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ऊँचाई और लंबाई:-
- यह पुल नदी के तल से 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊँचाई पर स्थित है, जो इसे दुनिया के सबसे ऊँचे रेलवे पुलों में से एक बनाता है।
- पुल की कुल लंबाई 1,315 मीटर (4,314 फीट) है।
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निर्माण का समय:-
- चिनाब ब्रिज का निर्माण कार्य वर्ष 2002 में शुरू हुआ और इसे 2024 में पूरा किया गया।
- निर्माण में लगभग 22 साल लगे, जिसमें कई तकनीकी और भौगोलिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
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तकनीकी विशेषताएँ:-
- इस पुल को इस्पात (स्टील) और कंक्रीट से बनाया गया है।
- इसे विशेष रूप से भूकंप रोधी डिज़ाइन किया गया है, ताकि यह भूकंप के झटकों को सह सके।
- पुल को वायुगतिकीय स्थिरता प्रदान करने के लिए विशेष डिज़ाइन का उपयोग किया गया है।
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निर्माण में चुनौतियाँ:-
- पुल को बनाने में सबसे बड़ी चुनौती इसका ऊँचाई पर होना और कठोर भौगोलिक परिस्थितियाँ थीं।
- भारी बर्फबारी और खराब मौसम की स्थिति में काम करना भी एक प्रमुख चुनौती थी।
- सामग्री और उपकरणों को साइट पर पहुँचाने में भी कठिनाइयाँ आईं, क्योंकि पुल का क्षेत्र दुर्गम था।
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महत्व और उद्देश्य:-
- चिनाब ब्रिज कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
- यह पुल सामरिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह क्षेत्र की सुरक्षा और सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है।
- इसके निर्माण से क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
निष्कर्ष:
चिनाब ब्रिज न केवल भारत बल्कि विश्व के सबसे अद्वितीय और महत्वपूर्ण रेलवे पुलों में से एक है। इसके निर्माण ने भारतीय रेलवे की तकनीकी दक्षता और इंजीनियरिंग क्षमता को एक नई ऊँचाई पर पहुँचाया है। यह पुल भारत की प्रगति और विकास की दिशा में एक मील का पत्थर है और आने वाले वर्षों में देश की परिवहन व्यवस्था को और सशक्त बनाएगा