नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक: क्या फैसले होंगे, जानिए ...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक आज नई दिल्ली में हो रही है। इस बैठक में 2047 तक भारत को 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए राज्यों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में पीने के पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की गुणवत्ता, जमीन और संपत्ति के डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा, सरकारी कामकाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और केंद्रीय योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। विपक्षी गठबंधन के कुछ मुख्यमंत्रियों ने बैठक का बहिष्कार किया है, जबकि ममता बनर्जी और हेमन्त सोरेन शामिल होंगे।

नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक:  क्या फैसले होंगे, जानिए ...

INDC Network : दिल्ली : 

नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक होनी है। इस बैठक में 2047 तक भारत को 30,000 अरब अमेरिकी डॉलर की विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए राज्यों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में आठ प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें पीने के पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा की उपलब्धता और गुणवत्ता, जमीन और संपत्ति के डिजिटलीकरण, साइबर सुरक्षा, सरकारी कामकाज में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चुनौतियां और अवसर और केंद्रीय योजनाओं को युक्तिसंगत बनाने और राज्यों की भूमिका शामिल हैं।

नीति आयोग का गठन और कार्य

नीति आयोग का गठन 1 जनवरी 2015 को मोदी सरकार द्वारा किया गया था। इसका पूरा नाम 'राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था' (National Institute for Transforming India) है। यह भारत सरकार का नीति से संबंधित एक थिंक टैंक है, जो दीर्घकालीन नीतियां और कार्यक्रम तैयार करता है। नीति आयोग का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना, संसाधनों का उपयोग करके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना और राज्यों को तकनीकी सलाह देना है। नीति आयोग की स्थापना 1950 में बने योजना आयोग के स्थान पर की गई थी, जिसका मुख्य कार्य पंचवर्षीय योजना तैयार करना था।

बैठक का उद्देश्य

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागिता और सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें वितरण तंत्र को मजबूत करने और ग्रामीण तथा शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को सुधारने पर जोर दिया जाएगा। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल होंगे, जिनमें असम के हिमंत बिस्वा सरमा, मिजोरम के लालदुहोमा, मेघालय के कोनराड संगमा, नागालैंड के नेफ्यू रियो, मणिपुर के एन. बीरेन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के पेमा खांडू, त्रिपुरा के माणिक साहा और सिक्किम के प्रेम सिंह तमांग शामिल हैं।


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नीति आयोग का संगठन

नीति आयोग के वर्तमान संगठन के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। उपाध्यक्ष सुमन बेरी हैं। पूर्णकालिक सदस्यों में डॉ. वीके सारस्वत, प्रोफेसर रमेश चंद्र, डॉ. वीके पॉल और अरविंद वीरमानी शामिल हैं। पदेन सदस्यों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं। विशेष आमंत्रित सदस्यों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, एचडी कुमारस्वामी, जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह, डॉ. वीरेन्द्र कुमार, के राममोहन नायडू, जुएल ओराम, अन्नपूर्णा देवी, चिराग पासवान और राव इंद्रजीत सिंह शामिल हैं। गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं।

विपक्षी गठबंधन का बहिष्कार

इस बैठक का बहिष्कार कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कुछ मुख्यमंत्रियों ने किया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का आरोप है कि आम बजट में गैर-एनडीए राज्यों की अनदेखी की गई है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बैठक में शामिल नहीं होने की घोषणा की है।

ममता बनर्जी का फैसला

हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा लेने का फैसला किया है। उनके अनुसार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन भी बैठक में शामिल होंगे। ममता बनर्जी का यह निर्णय विपक्षी गठबंधन इंडिया के लिए झटका माना जा रहा है।

नीति आयोग की इस महत्वपूर्ण बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों से स्पष्ट होता है कि भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देने और संसाधनों के कुशल उपयोग के माध्यम से देश के सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में यह बैठक महत्वपूर्ण साबित होगी।