भारतीय सेना में नया परिवर्तन : नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी बनेंगे। सेनानायक की नियुक्ति कैसे होती है ? सेनानायक के कार्य क्या हैं ?

30 अप्रैल 2022 से जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना के प्रमुख रहे। केंद्र सरकार ने 11 जून को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नया सेना प्रमुख बनाने की घोषणा की। उपेंद्र द्विवेदी 30 जून 2024 को पदभार संभालेंगे। उनके पास लगभग 40 वर्षों का विस्तृत सैन्य अनुभव है। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च नेता राष्ट्रपति होते हैं, जो सेना, नौसेना, और वायुसेना की नियंत्रण और संबोधन का अधिकार रखते हैं।

भारतीय सेना में नया परिवर्तन : नए सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी बनेंगे। सेनानायक की नियुक्ति कैसे होती है ? सेनानायक के कार्य क्या हैं ?

जनरल मनोज पांडे 30 अप्रैल 2022 से भारतीय सेना के प्रमुख के रूप में सेवारत रहे। उन्होंने 29वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला। भारतीय सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च नेता भारत के राष्ट्रपति होते हैं, जो सेना, नौसेना, और वायुसेना की संबोधन और नियंत्रण का अधिकार रखते हैं।

केंद्र सरकार ने मंगलवार, 11 जून को लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को अगला सेना प्रमुख बनाने की घोषणा की। वर्तमान में वे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में कार्यरत हैं। उनका कार्यकाल 30 जून 2024 से शुरू होगा।

बयान के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी 30 जून को कार्यभार संभालेंगे, जबकि वर्तमान सेनाध्यक्ष जनरल मनोज सी पांडे उसी दिन पद छोड़ेंगे। उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 को हुआ था और उन्हें दिसंबर 1984 में जम्मू और कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला था।

उपेंद्र द्विवेदी ने लगभग 40 वर्षों की अपनी सेवा के दौरान विभिन्न कमांड, स्टाफ, अनुदेशात्मक और विदेशी नियुक्तियों में कार्य किया है। उनकी कमान नियुक्तियों में 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, 26 सेक्टर असम राइफल्स ब्रिगेड, असम राइफल्स (पूर्व) में डीआईजी और 9 कोर की कमान शामिल हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में, उपेंद्र द्विवेदी ने रीवा के सैनिक स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और बाद में नेशनल डिफेंस कॉलेज और यूएस आर्मी वॉर कॉलेज से शिक्षा ली। उन्होंने डीएसएससी वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज महू से भी कोर्स किया है। उन्हें यूएसएडब्ल्यूसी, कार्लिस्ले, अमेरिका में 'विशिष्ट फेलो' से सम्मानित किया गया। उनके पास रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में एम-फिल और सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्री हैं।

जनरल मनोज पांडे को इस साल मई में मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति द्वारा एक महीने का सेवा विस्तार दिया गया था, जिससे उनका कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया गया। आम तौर पर सेना प्रमुखों का कार्यकाल 62 वर्ष की आयु या तीन वर्ष का होता है।


भारत के सेनानायक (Chief of the Army Staff, COAS) भारतीय सेना का प्रमुख होता है। वर्तमान में (जून 2024 तक) जनरल मनोज पांडे भारतीय सेना के सेनानायक हैं।

सेनानायक की नियुक्ति

  1. चयन प्रक्रिया:

    • सेनानायक की नियुक्ति का निर्णय भारत सरकार द्वारा किया जाता है। यह निर्णय प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति द्वारा लिया जाता है।
    • आमतौर पर, यह निर्णय सेना के वरिष्ठतम अधिकारी, जो सबसे ज्यादा अनुभवी होते हैं, के आधार पर किया जाता है।
  2. कार्यकाल:

    • सेनानायक का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है या वे 62 वर्ष की आयु तक पद पर रहते हैं, इनमें से जो भी पहले हो।
    • सेनानायक का कार्यकाल विशेष परिस्थितियों में बढ़ाया जा सकता है, लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ होता है।

सेनानायक के कार्य

  1. सैन्य संचालन की योजना और संचालन:

    • भारतीय सेना के सभी संचालन की योजना बनाना और उनका संचालन करना।
    • युद्ध या शांति के समय में सेना की तैयारियों और अभियानों का नेतृत्व करना।
  2. सेना की प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ:

    • सेना के विभिन्न विभागों और शाखाओं के समन्वय और संचालन की जिम्मेदारी।
    • सेनाओं की व्यवस्था, अनुशासन और विकास को सुनिश्चित करना।
  3. रक्षा नीति में योगदान:

    • सरकार के साथ मिलकर राष्ट्रीय रक्षा नीति में योगदान देना।
    • रक्षा से संबंधित मामलों में सरकार को सलाह देना।
  4. प्रतिनिधित्व और संप्रेषण:

    • अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करना।
    • अन्य देशों की सेनाओं के साथ सहयोग और संचार बनाए रखना।
  5. सेना का विकास और आधुनिकीकरण:

    • सेना के उपकरणों और तकनीकों का आधुनिकीकरण और नवाचार।
    • सैनिकों की प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों की निगरानी।

निष्कर्ष

भारतीय सेना के सेनानायक की भूमिका महत्वपूर्ण और व्यापक होती है। वे केवल सैन्य अभियानों का नेतृत्व ही नहीं करते, बल्कि सेना की संपूर्ण व्यवस्था, अनुशासन और विकास की जिम्मेदारी भी निभाते हैं। उनकी नियुक्ति का निर्णय उच्चतम स्तर पर किया जाता है और वे राष्ट्र की रक्षा और सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।