देर से स्कूल पहुँचने के कारणों और डिजिटल अटेंडेंस पर पूर्व मुख्यमंत्री की चिंता

उत्तर प्रदेश के चंदौली में शिक्षकों ने संसाधनों की कमी और लंबी दूरी की समस्याओं पर सरकार का विरोध किया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर शिक्षकों के प्रति चिंता जताई, डिजिटल अटेंडेंस की व्यावहारिक समस्याओं पर विचार करने को कहा, और शिक्षकों के भावनात्मक जुड़ाव को महत्वपूर्ण बताया।

Jul 9, 2024 - 15:36
Sep 28, 2024 - 16:33
 0
देर से स्कूल पहुँचने के कारणों और डिजिटल अटेंडेंस पर पूर्व मुख्यमंत्री की चिंता

INDC Network : चंदौली (उत्तरप्रदेश) : उत्तर प्रदेश के जनपद चंदौली में शिक्षकों ने सरकार के वादों का विरोध करते हुए कहा कि सरकार केवल वादे करती है लेकिन उन्हें पूरा नहीं करती। सरकार सुरक्षा और संसाधनों की बात करती है, लेकिन विद्यालयों में पढ़ाई के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं और शिक्षकों को कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाना पड़ता है। कई शिक्षकों ने सरकार के विरोध में अपनी आवाज़ उठाई। 

इसके बाद, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने सोशल मीडिया पर शिक्षकों के प्रति चिंता जताते हुए कहा कि शिक्षकों के देर से स्कूल पहुँचने के कई कारण होते हैं, जैसे परिवहन की देरी, रेल बंद फाटक, और घर-स्कूल की लंबी दूरी, जिससे उन्हें तनाव और दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। आकस्मिक कारणों से स्कूल छोड़ने पर पूरी अनुपस्थिति दर्ज होती है। देर से पहुँचने या जल्दी लौटने के भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे विद्युत बाधा या तकनीकी समस्याएं। डिजिटल अटेंडेंस बिना व्यावहारिक समाधान के संभव नहीं है। इसे पहले अन्य विभागों में लागू कर अनुभव लेना चाहिए। इससे शिक्षकों को भावनात्मक ठेस पहुँचती है, जो उनके शिक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। हम इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ हैं।

अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "शिक्षकों पर विश्वास करने से ही अच्छी पीढ़ी का निर्माण होता है। कोई भी शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुँचना चाहता, लेकिन सार्वजनिक परिवहन की देरी, रेल का बंद फाटक, और घर-स्कूल की लंबी दूरी जैसे कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। शिक्षकों के पास स्कूल के पास रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं, न ही दूरस्थ इलाकों में किराये पर घर उपलब्ध होते हैं। इससे अनावश्यक तनाव और दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ता है। आकस्मिक कारणों से शिक्षकों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य या पारिवारिक कारणों से दिन के बीच में स्कूल छोड़ना पड़े तो पूरे दिन की अनुपस्थिति दर्ज हो जाती है। देर से स्कूल पहुँचने या जल्दी लौटने के अनेक कारण हो सकते हैं। यहाँ तक कि विद्युत आपूर्ति बाधित होने या इंटरनेट सेवाओं में तकनीकी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, डिजिटल अटेंडेंस का विकल्प बिना व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के संभव नहीं है। इसे पहले अन्य विभागों के मुख्यालयों में लागू कर उनके अनुभव को समझा जाना चाहिए, फिर समाधान के बाद इसे लागू करने पर विचार किया जाना चाहिए। सबसे बड़ी बात यह है कि इससे शिक्षकों को भावनात्मक ठेस पहुँचती है, जो उनके शिक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। बोधपरक शिक्षण के लिए शिक्षकों का भावनात्मक रूप से जुड़ना आवश्यक है। स्कूल में केवल निश्चित घंटे बिताना ही शिक्षण नहीं हो सकता। हम इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ हैं।"

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INDC News Desk INDC Network भरोसेमंद भारतीय समाचार पोर्टल है, जो 3 वर्षों से सटीक और निष्पक्ष समाचार प्रदान कर रहा है। यह प्लेटफ़ॉर्म राजनीति, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनोरंजन और खेल जैसे विषयों के साथ स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों को कवर करता है। हमारी अनुभवी टीम हर खबर को जमीनी स्तर पर कवर करके प्रमाणिकता सुनिश्चित करती है। आधुनिक तकनीक और डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से हम पाठकों को इंटरैक्टिव और सुलभ अनुभव प्रदान करते हैं। हमारा उद्देश्य न केवल समाचार साझा करना, बल्कि समाज को जागरूक और सशक्त बनाना है। INDC Network बदलते भारत के साथ !