फसलों पर संकट: मध्यप्रदेश में खाद की कमी से किसान परेशान
मध्यप्रदेश में खाद संकट गहराता जा रहा है। किसानों को लंबे इंतजार, काले बाजार, और वितरण में अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। सरकार ने सुधार के लिए नई योजनाओं का वादा किया है, लेकिन समय पर खाद न मिलने से फसल बुवाई प्रभावित हो रही है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि हालात न सुधरे तो प्रदर्शन होगा।

INDC Network : मध्यप्रदेश : खाद संकट और किसानों की चुनौतियां
मध्यप्रदेश के किसान इस समय खाद की भारी कमी से जूझ रहे हैं। प्रदेश भर के खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी लाइनें देखी जा रही हैं। कई जगहों पर किसानों को पूरी रात लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है।
आंकड़े:
विवरण | संख्या |
---|---|
सहकारी समितियां | 4,500 |
राज्य सहकारी विक्रय केंद्र | 500 |
निजी विक्रय केंद्र | 4,000 |
कुल केंद्र | 9,000 |
इसके बावजूद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
खाद वितरण की सरकारी व्यवस्था
कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल अब तक 25 लाख टन यूरिया और 14 लाख टन डीएपी एवं एनपीके की आपूर्ति हो चुकी है।
खाद का प्रकार | पिछले वर्ष आपूर्ति (टन) | वर्ष 2024 आपूर्ति (टन) |
---|---|---|
यूरिया | 34 लाख | 25 लाख |
डीएपी और एनपीके | 20 लाख | 14 लाख |
हालांकि, डिफाल्टर किसानों को सहकारी समितियों से खाद नहीं मिल रही। नकद भुगतान के विकल्प के बावजूद उन्हें परेशानी हो रही है।
काले बाजार और कालाबाजारी का संकट
किसानों का आरोप है कि सरकारी खाद गुपचुप तरीके से व्यापारियों को दी जा रही है, जो इसे ब्लैक मार्केट में ₹2000 प्रति बोरी तक बेच रहे हैं।
सरकार की योजना और किसान संगठनों की चेतावनी
मध्यप्रदेश सरकार ने अगले साल नई व्यवस्था लागू करने का वादा किया है, जिसमें अतिरिक्त वितरण केंद्र बनाए जाएंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार से सहयोग लेने की भी बात कही गई है। किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
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