अजमेर दरगाह पर केस, PM मोदी की चादर से विरोधाभास तक : गहलोत ने साधा निशाना

राजस्थान की ऐतिहासिक अजमेर दरगाह पर शिव मंदिर होने के दावे से विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने BJP और RSS पर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे सांप्रदायिक राजनीति और 1947 के धार्मिक कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया। हिंदू सेना की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूरी दी है, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव की संभावना बढ़ गई है।

Nov 29, 2024 - 12:54
Nov 29, 2024 - 14:05
 0
अजमेर दरगाह पर केस, PM मोदी की चादर से विरोधाभास तक : गहलोत ने साधा निशाना

INDC Network : जयपुर, राजस्थान : 800 साल पुरानी अजमेर दरगाह पर शिव मंदिर होने का दावा किया गया है। इस विवाद पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने BJP और RSS पर निशाना साधा। कोर्ट ने हिंदू सेना की याचिका पर नोटिस जारी किया है।

Advertisement Banner

दरगाह विवाद: गहलोत का BJP पर हमला

1947 का कानून और विवाद

अशोक गहलोत ने कहा कि 15 अगस्त 1947 तक बनी धार्मिक संरचनाओं पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। संसद में पारित यह कानून साफ तौर पर इन संरचनाओं की यथास्थिति बनाए रखने को कहता है। उन्होंने BJP और RSS पर आरोप लगाया कि उनकी राजनीति धार्मिक ध्रुवीकरण पर आधारित है।

INDC Network Poster

PM मोदी और दरगाह पर विरोधाभास

गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,

"PM मोदी खुद अजमेर दरगाह पर चादर चढ़ा चुके हैं, लेकिन उनकी पार्टी के लोग ही केस कर रहे हैं। यह भ्रम पैदा करता है।"

उन्होंने इसे सांप्रदायिक राजनीति का हिस्सा बताया और विकास व बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत जताई।


यह भी पढ़ें : अजमेर दरगाह या शिव मंदिर? कोर्ट ने ASI सर्वे की याचिका को सुनवाई योग्य माना, संभल के बाद अजमेर -


मामले की कानूनी स्थिति: कोर्ट और याचिका

हिंदू सेना का दावा

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर दरगाह पर शिव मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका दायर की। याचिका के तीन आधार बताए गए:

दावा विवरण
दरवाजों की नक्काशी दरगाह के बुलंद दरवाजे की बनावट हिंदू मंदिरों जैसी दिखती है।
ऊपरी संरचना दरगाह की गुम्बद और ऊपरी भाग में हिंदू मंदिरों जैसी संरचना के अवशेष।
पानी और झरने शिव मंदिरों के पास पानी और झरने होने की परंपरा; यहां भी यह संरचना है।

कोर्ट का नोटिस

अजमेर सिविल कोर्ट ने 27 नवंबर को इस याचिका को सुनने योग्य मानते हुए अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।


महबूबा मुफ्ती का बयान: तनाव की आशंका

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सुप्रीम कोर्ट के 1947 के धार्मिक संरचनाओं पर यथास्थिति के आदेश का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि यह विवाद हिंदू-मुस्लिम तनाव बढ़ा सकता है। मुफ्ती ने दरगाहों को निशाना बनाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाया और खून-खराबे की आशंका जताई।


सांप्रदायिक राजनीति का आरोप

गहलोत ने BJP पर धर्म के आधार पर चुनाव लड़ने और धार्मिक ध्रुवीकरण के माध्यम से सत्ता पाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा:

"देश में असली मुद्दे महंगाई, बेरोजगारी और विकास के हैं, लेकिन धार्मिक विवादों पर ध्यान भटकाया जा रहा है।"


RSS और PM मोदी को संदेश

अशोक गहलोत ने RSS को छुआछूत और भेदभाव मिटाने का अभियान चलाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का देश में सामाजिक न्याय पर जोर देना चाहिए।

"यदि PM मोदी ताली और थाली बजवा सकते हैं, तो छुआछूत मिटाने का अभियान क्यों नहीं?"


मामले की संवेदनशीलता

अजमेर दरगाह विवाद न केवल धार्मिक, बल्कि सांप्रदायिक रूप से भी संवेदनशील है। इस मामले में PM मोदी, BJP, और RSS की भूमिका पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कोर्ट में इस मामले की सुनवाई आगे बढ़ने से देश में राजनीतिक और सामाजिक चर्चा का माहौल गरम है।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।