इस बजट में प्रमुख परियोजनाएं शामिल हैं:
- सड़क परियोजनाओं के लिए ₹26,000 करोड़
- पीरपैंती में ₹21,400 करोड़ की लागत से 2,400 मेगावाट का बिजली संयंत्र
- बाढ़ से निपटने के लिए ₹11,500 करोड़
जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार ने इस बजट को बिहार के लिए एक बड़ा तोहफा बताया, खासकर तब जब केंद्र ने राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा (SCS) देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस बजट को दिखावा करार दिया।
नीतीश कुमार ने कहा, “शुरू से ही मैं कह रहा हूं कि केंद्र को बिहार को विशेष मदद देनी चाहिए और आज उन्होंने कई विकास परियोजनाओं और योजनाओं में हमारी मदद करने की घोषणा की है। हमारा उद्देश्य केंद्र से अतिरिक्त मदद के साथ राज्य को लाभ दिलाना था।” जब उनसे पूछा गया कि क्या एससीएस की मांग जारी रहेगी, उन्होंने कहा, “हम विशेष राज्य का दर्जा मांग रहे थे, लेकिन यह बहुत पहले बंद हो गया था। इसलिए बिहार के विकास के लिए हम विशेष मदद चाहते थे और अब केंद्र ने शुरुआत की है। आप सभी को खुश होना चाहिए कि कम से कम अब चीजें शुरू हुई हैं।”
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बाद में, श्री कुमार ने एक्स पर एक संदेश पोस्ट किया जिसमें उन्होंने बिहार के बजट का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, "केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट सकारात्मक और स्वागत योग्य है। इस बजट में बिहार की जरूरतों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत बिहार के मानव संसाधन विकास और आधारभूत संरचना विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस बजट में बिहार को सड़क परियोजनाओं, बिजली परियोजनाओं, हवाई अड्डों और मेडिकल कॉलेजों के लिए विशेष धनराशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही बिहार में पर्यटन स्थलों के विकास के लिए बजट में विशेष सहायता की घोषणा की गई है। बिहार को बाढ़ से बचाने के लिए भी बजट में बड़ी घोषणा की गई है।"
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा, "इन घोषणाओं से राज्य के विकास में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि भविष्य में भी केंद्र सरकार बिहार के विकास में इसी तरह अन्य जरूरतों के लिए मदद करेगी।"
वित्त मंत्री ने पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा एक्सप्रेसवे और बक्सर में गंगा नदी पर दो लेन का पुल समेत सड़क संपर्क परियोजनाओं की भी घोषणा की। इसके अलावा, केंद्र सरकार विष्णुपद मंदिर कॉरिडोर, महाबोधि मंदिर कॉरिडोर और नालंदा को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक विकास का समर्थन करेगी।
हालांकि, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने इस बजट को निराशाजनक बताया। उन्होंने कहा, "आज के बजट ने बिहार के लोगों को फिर से निराश किया है। बिहार को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए पुनरुद्धार योजना की आवश्यकता है, जिसके लिए विशेष पैकेज के साथ-साथ विशेष राज्य का दर्जा भी जरूरी है। नियमित आवंटन और पूर्व में स्वीकृत और आवंटित योजनाओं को नई सौगात कहना बिहार का अपमान है।"
बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने भी मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि बिहार की जनता को धोखा दिया गया है और एससीएस से कम पर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
बजट एक वित्तीय दस्तावेज है जो किसी सरकार, कंपनी, संगठन, या व्यक्ति के आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान आय और व्यय का अनुमान प्रस्तुत करता है। यह भविष्य के खर्चों और आय को नियोजित करने का एक महत्वपूर्ण साधन होता है। एक देश या राज्य के लिए बजट का अर्थ है कि सरकार अगले वित्तीय वर्ष में कितनी राशि खर्च करेगी, किस क्षेत्र में खर्च करेगी, और उस राशि को कैसे जुटाएगी।
1. बजट क्या होता है?
- परिभाषा: बजट एक वित्तीय योजना है जिसमें आगामी अवधि, आमतौर पर एक वित्तीय वर्ष, के लिए आय और व्यय का अनुमान लगाया जाता है। यह योजना सरकार, संगठन, या व्यक्ति की आय और खर्चों को संतुलित करने और वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाई जाती है।
- प्रकार: बजट कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:
- संतुलित बजट: जब आय और व्यय का अनुमान समान होता है।
- घाटे का बजट: जब व्यय का अनुमान आय से अधिक होता है।
- अधिशेष बजट: जब आय का अनुमान व्यय से अधिक होता है।
2. देश का बजट:
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परिचय: एक देश का बजट राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, और सरकारी योजनाओं के लिए धनराशि का आवंटन किया जाता है। यह बजट देश की आर्थिक नीतियों और प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
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बजट की प्रक्रिया:
- तैयारी: वित्त मंत्रालय बजट तैयार करने की प्रक्रिया की शुरुआत करता है। इसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से उनके प्रस्तावित खर्चों और नीतियों के बारे में जानकारी ली जाती है।
- पूर्व बजट विचार-विमर्श: वित्त मंत्रालय उद्योग जगत, व्यापार संघों, अर्थशास्त्रियों, और अन्य विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करता है ताकि देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और आवश्यकताओं के अनुसार बजट तैयार किया जा सके।
- बजट का मसौदा: वित्त मंत्रालय सभी जानकारी को संकलित करता है और एक बजट का मसौदा तैयार करता है। यह मसौदा फिर प्रधानमंत्री और कैबिनेट के सामने रखा जाता है।
- बजट पेश करना: वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं। भारत में यह आमतौर पर फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को किया जाता है।
- संसद में चर्चा: संसद में बजट पर चर्चा होती है, और सांसद विभिन्न प्रस्तावों पर अपनी राय देते हैं। इसके बाद बजट को संसदीय समिति को भेजा जाता है जो इसे विस्तार से अध्ययन करती है।
- बजट का अनुमोदन: संसद द्वारा बजट को मंजूरी मिलने के बाद, यह कानूनी रूप से लागू होता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए खर्च और आय की योजना बन जाती है।
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बजट के प्रमुख तत्व:
- राजस्व बजट: यह बजट का वह हिस्सा होता है जिसमें सरकार की आय (जैसे टैक्स, शुल्क, लाभांश) और राजस्व व्यय (जैसे वेतन, सब्सिडी, ब्याज भुगतान) का विवरण होता है।
- पूंजी बजट: यह बजट का वह हिस्सा होता है जिसमें सरकार की पूंजीगत प्राप्तियाँ (जैसे ऋण, विनिवेश, सार्वजनिक ऋण) और पूंजीगत व्यय (जैसे सड़क निर्माण, बुनियादी ढांचा परियोजनाएँ) का विवरण होता है।
3. राज्य का बजट:
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परिचय: जैसे देश का बजट होता है, वैसे ही प्रत्येक राज्य का भी अपना बजट होता है। राज्य का बजट राज्य की आर्थिक स्थिति, विकास योजनाओं, और राजस्व को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाता है।
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बजट की प्रक्रिया:
- तैयारी: राज्य के वित्त विभाग द्वारा बजट तैयार किया जाता है। यह प्रक्रिया केंद्रीय बजट की तरह होती है, लेकिन इसे राज्य की आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं के अनुसार तैयार किया जाता है।
- पूर्व बजट विचार-विमर्श: राज्य का वित्त विभाग भी विभिन्न विभागों, स्थानीय निकायों, और विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श करता है।
- बजट का मसौदा: राज्य के वित्त विभाग द्वारा तैयार किए गए बजट मसौदे को मुख्यमंत्री और राज्य मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाता है।
- राज्य विधानसभा में पेश करना: राज्य का बजट राज्य विधानसभा में पेश किया जाता है, और फिर इस पर चर्चा होती है।
- अनुमोदन: बजट पर चर्चा के बाद, इसे राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया जाता है और अगले वित्तीय वर्ष के लिए लागू किया जाता है।
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बजट के प्रमुख तत्व:
- राजस्व बजट: राज्य सरकार की आय और राजस्व खर्चों का विवरण। इसमें राज्य के अपने स्रोतों से प्राप्त टैक्स, केंद्र सरकार से अनुदान, और अन्य आय शामिल होती है।
- पूंजी बजट: पूंजीगत खर्चों और प्राप्तियों का विवरण। इसमें बुनियादी ढांचा विकास, परियोजनाओं के लिए ऋण, और निवेश शामिल होता है।
4. बजट की चुनौतियाँ और सुधार:
- चुनौतियाँ: बजट तैयार करते समय कई चुनौतियाँ आती हैं, जैसे राजस्व की कमी, खर्चों की प्राथमिकता तय करना, और आर्थिक अस्थिरता का प्रबंधन करना। इसके अलावा, सामाजिक और आर्थिक असमानताओं को कम करने के लिए भी बजट में प्रावधान करना होता है।
- सुधार: बजट प्रक्रिया में सुधार के लिए सरकारें समय-समय पर नीतियाँ और कार्यक्रम लागू करती हैं। इनमें वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता, और जनभागीदारी को बढ़ावा देना शामिल है। डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बजट प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाया जा रहा है।
5. बजट का प्रभाव:
- आर्थिक विकास: बजट देश और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सरकार की नीतियों और योजनाओं के माध्यम से विकास के विभिन्न क्षेत्रों में धनराशि आवंटित करता है।
- जनता पर प्रभाव: बजट सीधे तौर पर जनता की जिंदगी पर असर डालता है। टैक्स नीतियों, सब्सिडी, और सरकारी योजनाओं के माध्यम से बजट आम जनता के जीवन स्तर को प्रभावित करता है।
- सामाजिक न्याय: बजट का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य समाज में समानता और न्याय सुनिश्चित करना है। इसके लिए बजट में गरीबों, वंचितों, और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए विशेष प्रावधान किए जाते हैं।
6. उदाहरण:
- भारत का केंद्रीय बजट 2024-25: उदाहरण के लिए, यदि हम भारत के केंद्रीय बजट 2024-25 को लें, तो इसमें विभिन्न मंत्रालयों, जैसे रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढांचे के लिए धनराशि आवंटित की जाएगी। इसके साथ ही, सरकार की प्राथमिकताओं के अनुसार विभिन्न क्षेत्रों में करों में परिवर्तन किया जा सकता है, सब्सिडी बढ़ाई जा सकती है, और नई योजनाओं की शुरुआत हो सकती है।
बजट एक देश या राज्य की आर्थिक योजना और नीतियों का प्रतिबिंब होता है। यह सरकार के कामकाज की दिशा और उसकी प्राथमिकताओं को दर्शाता है। बजट की प्रक्रिया में कई स्तरों पर विचार-विमर्श, विश्लेषण, और निर्णय शामिल होते हैं, जो अंततः देश या राज्य के विकास और जनकल्याण के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।