लखनऊ KGMU में अवैध मदरसा ध्वस्त: अतिक्रमण पर चला बुलडोजर, 12 दुकानें और 40 झुग्गियां भी हटाई गईं
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) परिसर में बने अवैध मदरसे को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही 12 अवैध दुकानें और लगभग 40 झुग्गियों को भी हटाया गया। लगातार दूसरे दिन चल रही इस अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन का कहना है कि यह पूरी कार्रवाई उच्च न्यायालय के आदेश और सरकारी जमीन को खाली कराने के निर्देशों के तहत की गई है। मौके पर कुछ विरोध भी हुआ, लेकिन स्थिति को नियंत्रण में रखते हुए कार्रवाई सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई।

INDC Network : लखनऊ : KGMU परिसर में अवैध कब्जों पर कार्रवाई तेज
लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) परिसर में लंबे समय से अवैध कब्जों की शिकायतें मिल रही थीं। मंगलवार को प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए एक अवैध मदरसे को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही 12 अवैध दुकानों और 40 झुग्गियों को भी हटाया गया।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी
अतिक्रमण हटाने के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल, PAC और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात रहे। कार्रवाई से पहले स्थानीय निवासियों और अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिया गया था।
विरोध के बावजूद कार्रवाई जारी
कार्रवाई के दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन प्रशासन ने उन्हें शांतिपूर्वक समझाया और कार्रवाई बिना किसी बड़े टकराव के पूरी की गई। अधिकारियों ने साफ किया कि अतिक्रमण हटाने की यह प्रक्रिया न्यायालय के आदेशानुसार और सार्वजनिक हित में की जा रही है।
प्रमुख बिंदु (टेबल में) :
विषय | विवरण |
---|---|
कार्रवाई का स्थान | किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), लखनऊ |
कार्रवाई का कारण | सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाना |
ध्वस्त ढांचे | 1 मदरसा, 12 दुकानें, 40 झुग्गियां |
कार्रवाई की अवधि | लगातार दूसरे दिन |
तैनात बल | पुलिस बल, PAC, प्रशासनिक अधिकारी |
नोटिस दिया गया | हाँ, पूर्व सूचना के साथ |
जनता की प्रतिक्रिया | आंशिक विरोध, स्थिति नियंत्रण में रही |
प्रशासन की सख्त चेतावनी
प्रशासन ने साफ किया है कि भविष्य में यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करने का प्रयास करेगा, तो उसी तरह की कठोर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अवैध निर्माण से संबंधित जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कुछ स्थानीय लोगों ने प्रशासनिक कार्रवाई का समर्थन किया और कहा कि सार्वजनिक संस्थानों की जमीन पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। वहीं, कुछ ने यह भी मांग की कि हटाए गए लोगों के पुनर्वास के लिए सरकार उचित प्रबंध करे।
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