"महात्मा गांधी की राह पर ओवैसी: वक्फ विधेयक पर संसद में फटा पन्ना!"

लोकसभा में पेश किए गए वक्फ संशोधन विधेयक पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए विरोध जताया। उन्होंने विधेयक को असंवैधानिक बताते हुए उसे संसद में फाड़ दिया। विपक्ष ने इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर हमला करार दिया, जबकि सरकार ने इसे न्यायसंगत बताते हुए बचाव किया। विधेयक पर घंटों तक चली बहस में कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। आइए, विस्तार से जानते हैं कि इस विधेयक को लेकर संसद में क्या हुआ।

Apr 3, 2025 - 17:11
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"महात्मा गांधी की राह पर ओवैसी: वक्फ विधेयक पर संसद में फटा पन्ना!"

INDC Network : नई दिल्ली : वक्फ विधेयक पर संसद में गरमागरम बहस

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लोकसभा में प्रस्तुत वक्फ संशोधन विधेयक पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे असंवैधानिक बताते हुए महात्मा गांधी की तरह इस विधेयक की प्रति फाड़ दी। उन्होंने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है।

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ओवैसी का विरोध और गांधी का उदाहरण

  • ओवैसी ने अपने भाषण में महात्मा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका के नस्लीय कानूनों को स्वीकार नहीं किया, तो उन्होंने इसे फाड़ दिया था।

  • उन्होंने कहा, "यह कानून संविधान के विरुद्ध है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता।"

  • उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह मंदिर और मस्जिद के नाम पर समाज में विभाजन कर रही है।

अमित शाह का जवाब: "यह संसद का कानून है"

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ओवैसी के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा:

  • "यह संसद का कानून है, इसे सभी को स्वीकार करना होगा।"

  • उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस कानून को लेकर अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश कर रहे हैं।

  • भाजपा नेताओं ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह विधेयक न्यायसंगत और देशहित में है।

विपक्ष का विरोध और कांग्रेस का रुख

कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने इस विधेयक को "विभाजनकारी" करार दिया। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा:

  • "इस देश के किसान एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार इस पर कानून नहीं बना रही।"

  • "युवाओं को रोजगार चाहिए, लेकिन सरकार इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।"

  • "इसके बजाय, सरकार धर्म आधारित कानूनों पर ज़ोर दे रही है जो समाज को बांटने का काम कर सकते हैं।"

विधेयक का कानूनी पक्ष

विधेयक का पहलू विपक्ष का तर्क सरकार का तर्क
संविधानिक वैधता यह अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है। यह सभी के लिए समान रूप से लागू होगा।
अल्पसंख्यक अधिकार यह वक्फ संपत्तियों पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की कोशिश है। यह वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।
राजनीतिक प्रभाव भाजपा इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है। यह देशहित में लिया गया फैसला है।

विधेयक का उद्देश्य और संभावित प्रभाव

  • सरकार का दावा है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए लाया गया है।

  • विपक्ष का आरोप है कि यह सरकार द्वारा वक्फ संपत्तियों पर कब्ज़ा जमाने की साजिश हो सकती है।

  • मुस्लिम संगठनों के कुछ वर्गों ने भी इस विधेयक पर चिंता जताई है।

भविष्य की राह: क्या होगा आगे?

  • विपक्ष ने इस विधेयक में 10 संशोधन प्रस्तावित किए हैं, जिन्हें स्वीकार करने की मांग की गई है।

  • विधेयक पास होने की स्थिति में, इसके कानूनी पक्ष को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।

  • आने वाले समय में इसका राजनीतिक प्रभाव भी देखने को मिल सकता है, खासकर अल्पसंख्यक समुदाय पर इसका क्या असर पड़ेगा।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।