UNSC के बयान में पाकिस्तान-चीन की चाल: पहलगाम हमले पर भारत को मिला हल्का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भले ही पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की हो, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान ने चीन की मदद से इस बयान को हल्का करवा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 के पुलवामा हमले के वक्त दिए गए सख्त बयान के मुकाबले इस बार का बयान कहीं ज्यादा नरम था। पाकिस्तान, जो इस समय UNSC का गैर-स्थायी सदस्य है, ने चीन के साथ मिलकर भारत के पक्ष को कमजोर करने की कोशिश की।

Apr 27, 2025 - 18:07
Apr 28, 2025 - 10:38
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UNSC के बयान में पाकिस्तान-चीन की चाल: पहलगाम हमले पर भारत को मिला हल्का समर्थन

INDC Network : पहलगाम : जम्मू-कश्मीर : चीन और पाकिस्तान की चाल: पहलगाम हमले पर कमजोर पड़ा UNSC का बयान

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पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि

22अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले में कई निर्दोष लोगों की जान गई। भारत ने इस कायराना हमले की तीखी निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से ठोस कार्रवाई की मांग की।

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UNSC का बयान और पाकिस्तान की भूमिका

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने इस हमले को "घृणित आतंकवादी कृत्य" करार देते हुए उसकी निंदा की, लेकिन बाद में सामने आया कि यह बयान अपेक्षाकृत हल्का था। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन की मदद से बयान के शब्दों को नरम करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

घटना विवरण
हमला 22अप्रैल 2025, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
आतंकी कार्रवाई की निंदा UNSC द्वारा ‘घृणित आतंकवाद’ करार
बदलाव का कारण पाकिस्तान और चीन की मिलीभगत
तुलना पुलवामा 2019 के बयान की तुलना में कमजोर शब्दों का प्रयोग
पाकिस्तान की स्थिति UNSC का अस्थायी सदस्य
समर्थन करने वाला देश चीन

पुलवामा हमले के बयान से तुलना

2019 में पुलवामा आतंकी हमले के समय UNSC ने बेहद सख्त और स्पष्ट शब्दों में आतंकवाद की निंदा की थी। उस समय पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से गंभीर आरोप लगाए गए थे और भारत के समर्थन में माहौल बना था। लेकिन इस बार पहलगाम हमले को लेकर जारी बयान में ऐसी स्पष्टता नहीं देखी गई।


पाकिस्तान-चीन गठबंधन: पर्दे के पीछे की साजिश

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने चीन से अनुरोध किया कि बयान को इस तरह से संपादित किया जाए जिससे भारत का पक्ष कमजोर हो और पाकिस्तान पर सीधा आरोप न लगे। चीन, जो पहले भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है, इस अनुरोध पर तैयार हो गया।


भारत का रुख और प्रतिक्रिया

भारत ने कूटनीतिक रूप से इस कदम पर नाराज़गी जताई है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता में इस प्रकार का दोहरा रवैया न केवल चिंता का विषय है बल्कि इससे आतंकियों का हौसला भी बढ़ सकता है।

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