पहलगाम हमले पर सवाल पूछने पर BJP विधायक समर्थकों ने पत्रकार को बेरहमी से पीटा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले पर सवाल पूछने पर एक पत्रकार को बीजेपी विधायक के समर्थकों ने बेरहमी से पीटा। घटना तब हुई जब पत्रकार ने हमले पर विधायक की प्रतिक्रिया जाननी चाही। जवाब देने के बजाय मौजूद भाजपा कार्यकर्ता भड़क उठे और पत्रकार पर हमला बोल दिया। यह हमला प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के अधिकारों पर सीधा हमला माना जा रहा है। पुलिस जांच शुरू हो गई है।

INDC Network : जम्मू-कश्मीर : हलगाम आतंकी हमले पर सवाल पूछना पड़ा भारी, BJP समर्थकों ने पत्रकार को पीटा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की गूंज देशभर में है, लेकिन जब एक पत्रकार ने इस हमले को लेकर बीजेपी विधायक से सवाल पूछने की कोशिश की, तो मामला हिंसक हो गया। विधायक के समर्थकों ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करते हुए पत्रकार को सरेआम पीट दिया। यह घटना मीडिया की स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
हमले की शुरुआत सवाल से हुई, जवाब की जगह आई मारपीट
घटना उस समय हुई जब पत्रकार ने विधायक से सीधा सवाल किया – "आख़िरकार इतने बड़े आतंकी हमले के लिए सरकार कब तक सिर्फ़ बयानबाज़ी करेगी?" विधायक जवाब देने के बजाय असहज हो गए, और मौके पर मौजूद भाजपा समर्थक उत्तेजित हो गए। चंद ही पलों में बात इतनी बढ़ गई कि पत्रकार पर धक्कामुक्की और फिर मारपीट शुरू हो गई।
वीडियो वायरल, मीडिया और सामाजिक संगठनों में रोष
इस पूरी घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से पत्रकार को घेरकर पीटा गया। घटना के बाद कई मीडिया संगठनों और प्रेस क्लबों ने विरोध जताया और इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया। सोशल मीडिया पर भी पत्रकारों और नागरिकों ने इस कृत्य की निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच जारी
घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और घायल पत्रकार को अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन दबाव बढ़ने पर कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है।
पत्रकार संगठनों की मांग – दोषियों को सज़ा दो
देशभर के पत्रकार संगठनों ने इस हमले को लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि सवाल पूछना पत्रकार का अधिकार है, और किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसे कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।
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