पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव के बीच हाई लेवल मीटिंग में क्या हुआ खुलासा?
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इस बीच भारत ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई जिसमें हमले की गहन समीक्षा की गई और आगामी रणनीति तय की गई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA), सेना प्रमुख, खुफिया एजेंसियों के अधिकारी और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में पाकिस्तान की भूमिका पर चिंता जताई गई और कड़े कदम उठाने के संकेत मिले।

INDC Network : भारत : पहलगाम आतंकी हमला: भारत की हाई-लेवल मीटिंग से निकल कर आई नई रणनीति
हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ता तनाव
7 जून 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। इस हमले में निर्दोष नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की जान गई, जिसने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया। भारत ने इस हमले को "सीधी आतंकी कार्रवाई" बताया है जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

उच्चस्तरीय बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने एक उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई। बैठक में प्रधानमंत्री के निर्देश पर निम्नलिखित अधिकारी शामिल हुए:
पद | नाम |
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) | अजीत डोभाल |
सेना प्रमुख | जनरल उपेंद्र द्विवेदी |
गृहमंत्री | अमित शाह |
विदेश सचिव | विनय मोहन क्वात्रा |
खुफिया एजेंसियों के प्रमुख | RAW और IB प्रमुख |
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) प्रमुख | दिनकर गुप्ता |
बैठक में किन बिंदुओं पर हुई चर्चा?
बैठक में निम्नलिखित मुख्य मुद्दों पर गहन चर्चा हुई:
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हमले के पीछे संभावित आतंकी संगठनों की पहचान
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पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर सख्त कार्रवाई की योजना
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जम्मू-कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों को तेज करना
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आम जनता की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त उपाय
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साइबर और खुफिया निगरानी को बढ़ाना
पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर चिंता
बैठक में खुफिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा गया कि हमला पाकिस्तान स्थित आतंकी नेटवर्कों द्वारा सुनियोजित हो सकता है। RAW और IB के वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ प्रमाण प्रस्तुत किए जिनसे पाकिस्तान के आतंकी संगठनों की सक्रियता का संकेत मिलता है।
कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की रणनीति
भारत ने फैसला लिया कि वह पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करेगा। संयुक्त राष्ट्र, FATF और अन्य वैश्विक संस्थाओं में पाकिस्तान के खिलाफ साक्ष्य पेश करने की रणनीति तैयार की गई है। साथ ही, मित्र देशों से समर्थन जुटाने की भी योजना बनाई गई है ताकि पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया जा सके।
सुरक्षा बलों को दिए गए विशेष निर्देश
बैठक में सेना और सुरक्षाबलों को निर्देश दिया गया कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी मॉड्यूल्स पर तुरंत कार्रवाई तेज की जाए। सीमा पर भी सतर्कता बढ़ा दी गई है ताकि घुसपैठ की किसी भी कोशिश को नाकाम किया जा सके।
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