तीन बार विधायक, दो बार मंत्री: भगवती प्रसाद सागर का जीवन परिचय, बदलाव और संघर्ष

भगवती प्रसाद सागर, उत्तर प्रदेश की राजनीति के एक ऐसे नेता हैं, जिन्होंने बसपा, भाजपा और सपा जैसे दलों में रहकर राजनीतिक सफर तय किया। दलित समुदाय की आवाज बनकर वे तीन बार विधायक और दो बार मंत्री बने। अब वे स्वामी प्रसाद मौर्य की पार्टी 'अपनी जनता पार्टी' के साथ जुड़कर संविधान सम्मान एवं जनहित हुंकार यात्रा में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

Apr 12, 2025 - 14:34
Apr 12, 2025 - 15:18
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तीन बार विधायक, दो बार मंत्री: भगवती प्रसाद सागर का जीवन परिचय, बदलाव और संघर्ष

INDC Network : जीवन परिचय : भगवती प्रसाद : तीन बार विधायक, दो बार मंत्री: भगवती प्रसाद सागर का जीवन परिचय, बदलाव और संघर्ष

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प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:

भगवती प्रसाद सागर का जन्म 28 मई 1955 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के गोपालपुर गांव में हुआ। उन्होंने स्नातक (बी.ए.) और कानून (एल.एल.बी.) की पढ़ाई की, जिससे उन्हें समाज और राजनीति की गहराई से समझ विकसित करने में मदद मिली।

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जानकारी विवरण
पूरा नाम भगवती प्रसाद सागर
जन्म 28 मई 1955
जन्म स्थान गोपालपुर, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश
शिक्षा बी.ए., एल.एल.बी.
पत्नी का नाम शकुंतला देवी
बच्चे 1 पुत्र, 2 पुत्रियाँ

राजनीतिक करियर की शुरुआत:

भगवती प्रसाद सागर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1993 में की, लेकिन 1996 में वे पहली बार बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर बिल्हौर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए। यह उनकी लोकप्रियता और जनसमर्थन का प्रमाण था।


महत्वपूर्ण चुनावी उपलब्धियाँ:

वर्ष पार्टी सीट परिणाम
1996 बसपा बिल्हौर विजयी
2007 बसपा मऊरानीपुर (अ.जा.) विजयी
2017 भाजपा बिल्हौर विजयी

मंत्री के रूप में कार्य:

भगवती सागर ने 2007 से 2012 के दौरान मायावती सरकार में श्रम विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया। उन्होंने श्रमिकों और दलितों से जुड़ी योजनाओं पर जोर दिया। बाद में भाजपा सरकार में भी उन्हें मंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई।


पार्टी परिवर्तन और विचारधारा:

वर्ष 2017 में सागर ने बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि, भाजपा में रहते हुए उन्होंने कई बार दलित मुद्दों को लेकर पार्टी की आलोचना की। 2022 में उन्होंने भाजपा से इस्तीफा देकर सपा जॉइन की। लेकिन उनका राजनीतिक सफर यहीं नहीं रुका। बाद में वे स्वामी प्रसाद मौर्य की 'अपनी जनता पार्टी' में शामिल हो गए।


सामाजिक योगदान और विचारधारा:

सागर हमेशा से ही दलित समुदाय के हक की आवाज उठाते रहे हैं। उन्होंने सामाजिक न्याय, शिक्षा और आरक्षण जैसे मुद्दों पर मुखर होकर बोलना पसंद किया। भाजपा में रहते हुए भी उन्होंने दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर सार्वजनिक रूप से असहमति जताई।


हालिया भूमिका:

वर्तमान में भगवती सागर 'अपनी जनता पार्टी' में सक्रिय हैं और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ संविधान सम्मान एवं जनहित हुंकार यात्रा में प्रदेश भर का दौरा कर रहे हैं। 15 मार्च 2025 से शुरू हुई यह यात्रा विभिन्न जनपदों में पहुंच रही है, जहां भगवती सागर का सम्मान और समर्थन मिल रहा है।


भगवती प्रसाद सागर का राजनीतिक जीवन संघर्ष, बदलाव और विचारधारा से भरा रहा है। उन्होंने जहां एक ओर दलित राजनीति को एक नई पहचान दी, वहीं अपने राजनीतिक निर्णयों से बार-बार चर्चा में भी रहे। वे आज भी उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हैं और सामाजिक बदलाव की दिशा में काम कर रहे हैं।

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