राहुल गांधी बनाम मोहन भागवत: 1947 की आज़ादी पर बयान से छिड़ी सियासी जंग

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा राम मंदिर को 'सच्ची आज़ादी' का प्रतीक बताने के बयान पर राहुल गांधी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम और संविधान का अपमान करार दिया। राहुल ने इसे देशद्रोह तक कहा और जनता से 'इस बकवास को सुनना बंद करने' की अपील की।

Jan 15, 2025 - 15:17
 0
राहुल गांधी बनाम मोहन भागवत: 1947 की आज़ादी पर बयान से छिड़ी सियासी जंग

INDC Network : उत्तरप्रदेश : राहुल गांधी बनाम मोहन भागवत: 1947 की आज़ादी पर बयान से छिड़ी सियासी जंग

मोहन भागवत का बयान: ‘सच्ची आज़ादी’ पर चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में राम मंदिर के निर्माण को 'सच्ची आज़ादी' का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर की प्रतिष्ठा द्वादशी को भारत की वास्तविक स्वतंत्रता का दिन मनाना चाहिए। भागवत का यह बयान स्वतंत्रता आंदोलन के संदर्भ में था, जिसमें उन्होंने इसे भारत के 'स्व' को जगाने वाला बताया।


राहुल गांधी का पलटवार

इस बयान पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा,

"यह कहना कि भारत को 1947 में स्वतंत्रता नहीं मिली, हर भारतीय का अपमान है। यह बयान देशद्रोह के समान है।"

राहुल ने आगे जोड़ा कि आरएसएस प्रमुख बार-बार स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान पर विवादित टिप्पणियां करते हैं। उन्होंने जनता से 'इस बकवास को सुनना बंद करने' का आग्रह किया।


मोहन भागवत के बयान की मुख्य बातें:

तिथि बयान
राम मंदिर निर्माण 'सच्ची आज़ादी' का प्रतीक, प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाने की अपील।
स्वतंत्रता आंदोलन भारत के 'स्व' को जगाने के लिए राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की गई।

सियासी विवाद का असर

राहुल गांधी के इस बयान ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। विपक्षी दलों ने भी आरएसएस प्रमुख के बयान पर सवाल उठाए हैं।


राहुल गांधी के मुख्य आरोप:

आरोप राहुल गांधी का बयान
1947 की स्वतंत्रता का अपमान "यह हर भारतीय का अपमान है।"
संविधान की अवहेलना "भागवत का बयान संविधान को अमान्य बताने के समान है।"
देशद्रोह "यह बयान देशद्रोह के समान है।"

आरएसएस की सफाई:

आरएसएस ने भागवत के बयान को ऐतिहासिक संदर्भ में बताया है। संगठन ने कहा कि यह बयान किसी के विरोध में नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए था।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

Arpit Shakya Hello! My Name is Arpit Shakya from Farrukhabad (Uttar Pradesh), India. I am 18 years old. I have been working for INDC Network news company for the last 3 years. I am the founder and editor in chief of this company.