क्या तमिलनाडु सरकार ने बदला रुपये का प्रतीक? विशेषज्ञों ने बताया असंवैधानिक कदम
तमिलनाडु सरकार द्वारा राज्य के बजट दस्तावेज़ में भारतीय रुपये (₹) के बजाय एक अलग प्रतीक का उपयोग करने पर विवाद खड़ा हो गया है। मुद्रा विशेषज्ञ अनिल कुमार भंसाली ने इसे असंवैधानिक और अनुचित करार दिया है। उन्होंने कहा कि रुपये का आधिकारिक प्रतीक बदलने का अधिकार केवल केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास है।

INDC Network : नई दिल्ली : तमिलनाडु सरकार का विवादित कदम
तमिलनाडु की द्रमुक (DMK) सरकार ने हाल ही में प्रस्तुत किए गए अपने बजट दस्तावेज़ में भारतीय रुपये (₹) के आधिकारिक प्रतीक के बजाय एक अलग स्थानीय प्रतीक का उपयोग किया। इस फैसले को क्षेत्रीय पहचान के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इससे संवैधानिक वैधता और आर्थिक नीति की एकरूपता को लेकर गंभीर सवाल उठ गए हैं।
संविधान के खिलाफ है यह कदम
मुद्रा और वित्तीय बाजारों के वरिष्ठ विशेषज्ञ अनिल कुमार भंसाली ने इसे असंवैधानिक करार देते हुए कहा:
"रुपया हमारी राष्ट्रीय मुद्रा है और इसे किसी भी राज्य सरकार द्वारा बदला नहीं जा सकता। यह केवल केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आता है।"
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय मुद्रा का प्रतीक पूरे देश की आर्थिक पहचान का प्रतिनिधित्व करता है, और अगर राज्य सरकारें अपने-अपने प्रतीक अपनाने लगेंगी, तो इससे देश की आर्थिक एकता को नुकसान होगा।
रुपये का प्रतीक: केवल पहचान नहीं, संप्रभुता का प्रतीक भी
वर्ष 2010 में भारत सरकार ने आधिकारिक रूप से रुपये (₹) का प्रतीक अपनाया था। यह न केवल मुद्रा की पहचान करता है, बल्कि भारत की आर्थिक संप्रभुता का भी प्रतीक है।
रुपये के आधिकारिक प्रतीक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
विषय | विवरण |
---|---|
आधिकारिक प्रतीक | ₹ (भारतीय रुपया) |
स्वीकृति वर्ष | 2010 |
निर्णय लेने वाली संस्था | भारत सरकार, RBI |
संवैधानिक प्रावधान | केंद्र सरकार के अधिकार में |
विवाद का कारण | तमिलनाडु सरकार द्वारा नया प्रतीक उपयोग करना |
संवैधानिक स्थिति क्या कहती है?
भारत का संविधान केंद्र को ही मुद्रा और उससे संबंधित सभी निर्णय लेने का अधिकार देता है। संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, मुद्रा, सिक्के और बैंक नोट का नियंत्रण केवल केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकार क्षेत्र में आता है।
इस संदर्भ में, भंसाली का कहना है:
"किसी भी राज्य सरकार को रुपये के प्रतीक में बदलाव करने का अधिकार नहीं है। यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।"
राजनीतिक संदर्भ और संभावित प्रभाव
तमिलनाडु की राजनीति में क्षेत्रीय पहचान को लेकर लंबे समय से दावे किए जाते रहे हैं। द्रमुक सरकार के इस कदम को कुछ लोग क्षेत्रीय गौरव से जोड़कर देख रहे हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि राष्ट्रीय मुद्रा प्रतीक के साथ छेड़छाड़ करना आर्थिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है।
क्या होगा आगे?
तमिलनाडु सरकार के इस फैसले पर अब केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। क्या राज्य सरकार को राष्ट्रीय मुद्रा के प्रतीक में बदलाव की अनुमति दी जा सकती है? यह एक बड़ा सवाल है।
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