फर्रुखाबाद में निजी नर्सिंग होमों की मनमानी: इलाज के नाम पर अवैध वसूली, मेडिकल बायोवेस्ट सड़कों पर फेंकने का मामला गरमाया
फर्रुखाबाद में निजी नर्सिंग होम संचालकों की मनमानी चरम पर है। मरीजों से इलाज के नाम पर मनमानी फीस वसूली जा रही है और मेडिकल बायोवेस्ट को खुले में फेंका जा रहा है। मामला विधानसभा में भी उठा, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच टीम गठित की है। सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने कहा कि अब कोई भी निजी नर्सिंग होम मरीजों से अनावश्यक पैसे नहीं वसूल पाएगा और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी।

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : फर्रुखाबाद में लगभग 150 निजी नर्सिंग होम संचालित हो रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश मरीजों से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं। खासकर एनआईसीयू (नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट) में भर्ती मरीजों से प्रति दिन 14,000 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। नर्सिंग होम संचालक इलाज और बेड चार्ज के नाम पर मनमानी रकम मांग रहे हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विधानसभा में उठा मामला, सरकार सख्त
निजी अस्पतालों की मनमानी और बायोवेस्ट प्रबंधन की लापरवाही का मुद्दा हाल ही में विधानसभा में उठाया गया। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। फर्रुखाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. अवनींद्र कुमार ने बताया कि निजी नर्सिंग होम पर शिकंजा कसने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जो सभी अस्पतालों की जांच करेगी।

बायोमेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकने का मामला
निजी नर्सिंग होम केवल मनमानी वसूली ही नहीं कर रहे, बल्कि अस्पताल से निकलने वाले मेडिकल बायोवेस्ट को खुले में फेंक रहे हैं, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। सड़कों पर खुले में पड़ी सिरींज, खून से सने पट्टियां, दवाओं के खाली पैकेट और अन्य मेडिकल कचरा न केवल लोगों के लिए खतरा बना हुआ है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर समस्या है।
स्वास्थ्य विभाग की सख्त कार्रवाई, नर्सिंग होम संचालकों से होगी मीटिंग
सीएमओ डॉ. अवनींद्र कुमार ने कहा कि अब निजी अस्पतालों की मरीजों से अवैध वसूली और बायोवेस्ट प्रबंधन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के अध्यक्ष और सचिव को पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया गया है।
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जल्द ही सभी नर्सिंग होम संचालकों के साथ बैठक की जाएगी, जिसमें उन्हें इलाज के लिए निर्धारित शुल्क का पालन करने और बायोवेस्ट को सही तरीके से नष्ट करने का निर्देश दिया जाएगा।
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नर्सिंग होम संचालकों को अपनी सुविधाओं, डॉक्टरों की फीस और बेड चार्ज की लिस्ट सार्वजनिक करने के लिए कहा गया है ताकि मरीजों से पारदर्शी तरीके से शुल्क लिया जाए।
दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
सीएमओ ने स्पष्ट किया कि यदि किसी नर्सिंग होम को अवैध वसूली या बायोवेस्ट प्रबंधन में लापरवाही का दोषी पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम नर्सिंग होम का निरीक्षण करेगी और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
निजी नर्सिंग होम संचालकों के लिए नए नियम:
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इलाज और बेड चार्ज के लिए मानक शुल्क तय किया जाएगा।
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एनआईसीयू में भर्ती मरीजों से मनमानी रकम वसूलने पर रोक लगेगी।
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बायोमेडिकल वेस्ट को सुरक्षित रूप से नष्ट करने की प्रक्रिया अपनानी होगी।
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मरीजों को बिल और शुल्क का पूरा विवरण देना अनिवार्य होगा।
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नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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