संविधान बदलने या बर्खास्त करने का फैसला लें: रिजिजू का कांग्रेस पर तीखा वार
कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार पर संविधान में बदलाव की योजना बनाने का आरोप लगाया और कांग्रेस से स्पष्ट रुख अपनाने को कहा। वहीं, शिवकुमार ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है।

INDC Network : नई दिल्ली, भारत : शिवकुमार के बयान पर बढ़ा सियासी पारा
कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को चार प्रतिशत आरक्षण देने को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब यह मामला डीके शिवकुमार के एक कथित बयान तक पहुंच गया है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा कि भविष्य में मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव किया जा सकता है। इस बयान के बाद भाजपा हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस से या तो शिवकुमार को बर्खास्त करने या फिर संविधान में बदलाव की अपनी योजना स्पष्ट करने की मांग की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में रिजिजू का हमला
सोमवार को संसद परिसर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि एक वरिष्ठ नेता ने खुले तौर पर कहा है कि मुसलमानों को सरकारी ठेकों में आरक्षण मिलेगा और इसके लिए संविधान में बदलाव किया जाएगा। रिजिजू ने इसे संविधान के साथ धोखाधड़ी करार दिया।
कांग्रेस को दो टूक अल्टीमेटम
रिजिजू ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी को यह तय करना चाहिए कि वह अपने वरिष्ठ नेता को बर्खास्त करेगी या फिर आधिकारिक तौर पर घोषणा करेगी कि वह मुसलमानों को संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण देने जा रही है। उन्होंने कहा, "अगर कांग्रेस संविधान में बदलाव करके धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है, तो उसे इस पर खुलकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।"
राज्यसभा में भी गूंजा मुद्दा
राज्यसभा में भी रिजिजू ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया। उन्होंने कहा कि यह कोई साधारण बयान नहीं है, बल्कि एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की ओर से दिया गया बयान है। उन्होंने सवाल उठाया कि कांग्रेस नेता मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव क्यों करना चाहते हैं?
धर्म आधारित आरक्षण पर सख्त रुख
केंद्रीय मंत्री ने दो टूक कहा कि "धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव करना पूरी तरह अस्वीकार्य है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा संविधान की किताब जेब में रखती है, लेकिन इसे कमजोर करने का कोई मौका नहीं छोड़ती। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से इस पर सफाई देने की मांग की।
डीके शिवकुमार ने आरोपों को किया खारिज
इस पूरे विवाद के बीच कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि भाजपा नेता और मंत्री उन्हें और कांग्रेस को बदनाम करने के लिए 'बेशर्मी और सरासर झूठ' का सहारा ले रहे हैं। शिवकुमार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी नहीं कहा कि मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में संशोधन किया जाएगा।
कांग्रेस बनाम भाजपा: विवाद की मुख्य बातें
मुद्दा | भाजपा का पक्ष | कांग्रेस का पक्ष |
---|---|---|
सरकारी ठेकों में मुस्लिम आरक्षण | संविधान बदलकर मुसलमानों को आरक्षण देने की योजना बन रही है | भाजपा झूठा प्रचार कर रही है |
संविधान संशोधन का आरोप | कांग्रेस संविधान में बदलाव कर आरक्षण देना चाहती है | ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया |
कांग्रेस की स्थिति | शिवकुमार को बर्खास्त करे या अपनी योजना स्पष्ट करे | भाजपा राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है |
राज्यसभा में मुद्दा | भाजपा ने इसे सदन में उठाया | कांग्रेस ने इसे खारिज किया |
इस विवाद ने कर्नाटक की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। भाजपा इसे संविधान से छेड़छाड़ का मामला बता रही है, जबकि कांग्रेस इसे बेबुनियाद आरोप करार दे रही है। देखना होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या डीके शिवकुमार पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं।
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