आंध्र प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला: जगन सरकार का वक्फ बोर्ड भंग, नया अध्याय शुरू
आंध्र प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग करते हुए नया अध्याय शुरू करने की घोषणा की है। पिछली जगन मोहन सरकार द्वारा गठित बोर्ड को रद्द करने के पीछे कई कारण बताए गए हैं, जिनमें बोर्ड की निष्क्रियता, अदालती मामले और समुदायों का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व शामिल हैं। सरकार ने जीओ-47 को रद्द करते हुए नया जीओ-75 जारी किया है और एक नया वक्फ बोर्ड गठित करने का निर्णय लिया है।

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वक्फ बोर्ड भंग: सरकार का अहम फैसला
आंध्र प्रदेश सरकार ने शनिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए पिछली सरकार द्वारा गठित वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया। राज्य के कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूक ने आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी। सरकार अब नया वक्फ बोर्ड गठित करेगी और जीओ-47 को रद्द करते हुए जीओ-75 लागू करेगी।
जीओ-47 को रद्द करने के कारण
- अदालती याचिकाएं: जीओ-47 के खिलाफ तेरह रिट याचिकाएं दायर की गई थीं।
- प्रतिनिधित्व की कमी: सुन्नी और शिया समुदायों के स्कॉलर्स को बोर्ड में जगह नहीं दी गई थी।
- चयन में अनियमितता: जूनियर अधिवक्ताओं का चयन बिना उचित मानदंडों के किया गया।
- शिकायतें: एस. के. खाजा के मुतवल्ली के रूप में चयन पर कई शिकायतें थीं।
- निष्क्रियता: मार्च 2023 से बोर्ड निष्क्रिय था, जिससे कामकाज रुक गया था।
आगे की योजना
सरकार ने वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के प्रबंधन और संचालन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से नया बोर्ड गठित करने की घोषणा की है। इस बदलाव का मकसद वक्फ बोर्ड को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाना है।
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