पुलिस के नोटिस और मौत की गुत्थी: प्रभात पांडे केस में नया मोड़
लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे की मौत के मामले में पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस जारी किया। राय ने पुलिस के साथ सहयोग का आश्वासन दिया, जबकि पुलिस ने निष्पक्ष जांच का दावा किया। इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर बहस को जन्म दिया है।

INDC Network : लखनऊ : पुलिस के नोटिस और मौत की गुत्थी: प्रभात पांडे केस में नया मोड़
मामला | विवरण |
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घटना का दिन | बुधवार, विधानसभा घेराव प्रदर्शन के दौरान |
मृतक का नाम | प्रभात पांडे |
मूल निवास | गोरखपुर |
निवास स्थान | लखनऊ (चाचा के साथ रह रहे थे) |
मृत्यु का स्थान | कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल लाते समय |
मृत्यु का कारण (कथन) | कांग्रेस: पुलिस बर्बरता, पुलिस: मृत अवस्था में अस्पताल पहुंचाए गए |
पुलिस द्वारा उठाया कदम | कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को नोटिस |
आरोप (स्थानीय लोग) | घटना को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करने का प्रयास |
अजय राय का बयान | पुलिस जांच में सहयोग का आश्वासन, सबूतों से छेड़छाड़ के आरोपों से इनकार |
प्रदर्शन का उद्देश्य | विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार का घेराव |
पुलिस की कार्यवाही
पुलिस उपायुक्त (मध्य लखनऊ) रवीना त्यागी ने बताया कि अजय राय को भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) के तहत नोटिस दिया गया है। उन्हें जांच में जल्द शामिल होने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रभात पांडे कौन थे?
युवा कांग्रेस के सचिव प्रभात पांडे गोरखपुर के निवासी थे। वे कंप्यूटर कोर्स की पढ़ाई के लिए लखनऊ में रह रहे थे। उनकी असामयिक मौत ने राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं को जन्म दिया है।
घटना के बाद की प्रतिक्रिया
अंतिम संस्कार के दौरान अजय राय के श्रद्धांजलि देने पर स्थानीय लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे राजनीतिक लाभ के लिए प्रयास बताया।
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