फर्रुखाबाद : 12 दिन में जर्जर! पचालघाट गंगा पुल की मरम्मत में भ्रष्टाचार की बू?

फर्रुख़ाबाद के पांचालघाट गंगा पुल की मरम्मत पर ₹50 लाख खर्च किए गए, लेकिन मात्र 12 दिन में पुल के ज्वाइंट उखड़ने लगे हैं। स्थानीय लोगों में नाराजगी है और मरम्मत कार्य की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के उपयोग की आशंका जताई जा रही है।

Apr 14, 2025 - 21:14
May 15, 2025 - 17:13
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फर्रुखाबाद : 12 दिन में जर्जर! पचालघाट गंगा पुल की मरम्मत में भ्रष्टाचार की बू?

INDC Network : फर्रुखाबाद, उत्तर प्रदेश : पांचालघाट गंगा पुल की मरम्मत में भारी गड़बड़ी, 12 दिन में ही उखड़ गए ज्वाइंट

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गंगा नदी पर स्थित पांचालघाट पुल की हाल ही में हुई मरम्मत अब सवालों के घेरे में है। पुल की मरम्मत के नाम पर ₹50 लाख रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन मरम्मत के महज 12 दिन बाद ही पुल के ज्वाइंट जगह-जगह से उखड़ने लगे हैं। यह स्थिति न केवल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि मरम्मत कार्य में भ्रष्टाचार और घटिया सामग्री के उपयोग की ओर भी इशारा करती है।

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एक महीने तक रुका रहा ट्रैफिक, फिर भी नतीजा शून्य

करीब एक महीने तक पुल पर रूट डायवर्जन कर यातायात पूरी तरह से रोका गया। इस दौरान लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दावा किया गया था कि गहराई से मरम्मत कर पुल को मजबूत और सुरक्षित बनाया जा रहा है। लेकिन अब तस्वीरें खुद सच्चाई बयां कर रही हैं — जगह-जगह से कंक्रीट टूट चुकी है, लोहे की पट्टियाँ उखड़ रही हैं और सड़क की सतह में दरारें आ चुकी हैं।


ग्राम पंचायत और विभागीय लापरवाही पर उठे सवाल

स्थानीय लोगों ने बताया कि मरम्मत के दौरान किसी भी तकनीकी मानक का पालन नहीं किया गया। ठेकेदार और विभागीय अफसरों की मिलीभगत से काम को जल्दबाज़ी और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। ग्रामीणों ने शासन और प्रशासन से जांच की मांग की है।


छवि बिगाड़ रहा है गैर-जिम्मेदाराना रवैया

पुल पर घटिया निर्माण की वजह से न केवल करोड़ों की सरकारी धनराशि बर्बाद हुई है, बल्कि क्षेत्रीय जनता की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है और लोग अब सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठा रहे हैं।


कौन जिम्मेदार? जांच की मांग तेज

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस घोटाले के पीछे कौन है? क्या अधिकारियों की मिलीभगत से इस कार्य को बिना गुणवत्ता के पास किया गया? जनता ने मांग की है कि लोक निर्माण विभाग द्वारा स्वतंत्र तकनीकी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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Arpit Shakya नमस्कार! मैं अर्पित शाक्य, INDC Network का मुख्य संपादक हूँ। मेरा उद्देश्य सूचनाओं को जिम्मेदारी और निष्पक्षता के साथ आप तक पहुँचाना है। INDC Network पर मैं स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खबरों को आपकी भाषा में सरल, तथ्यपरक और विश्वसनीय रूप में प्रस्तुत करता/करती हूँ। पत्रकारिता के क्षेत्र में मेरा विश्वास है कि हर खबर का सच सामने आना चाहिए, और यही सोच मुझे जनहित से जुड़ी खबरों की तह तक जाने के लिए प्रेरित करती है। चाहे वह गाँव की आवाज़ हो या देश की बड़ी हलचल – मेरा प्रयास रहता है कि आपके सवालों को मंच मिले और जवाब मिलें। मैंने INDC Network को एक ऐसे डिजिटल मंच के रूप में तैयार किया है, जहाँ लोकल मुद्दों से लेकर ग्लोबल घटनाओं तक हर आवाज़ को जगह मिलती है। यहाँ मेरी प्रोफ़ाइल के माध्यम से आप मेरे द्वारा लिखे गए समाचार, लेख, इंटरव्यू और रिपोर्ट्स पढ़ सकते हैं।