भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट: क्या भारत सीरीज में बराबरी कर पाएगा?
भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच पुणे के एमसीए स्टेडियम में खेला जा रहा है। बेंगलुरू में न्यूजीलैंड से पहले टेस्ट में मिली करारी हार के बाद, भारत वापसी की कोशिश कर रहा है। कप्तान रोहित शर्मा को बल्लेबाजी क्रम में कुछ अहम फैसले लेने होंगे, जबकि स्पिनरों के अनुकूल पिच पर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। न्यूजीलैंड अपने प्रमुख बल्लेबाज केन विलियमसन की अनुपस्थिति के बावजूद जीत की लय बनाए रखने का प्रयास करेगा।

INDC Network : क्रिकेट : पुणे के एमसीए स्टेडियम में भारत और न्यूजीलैंड के बीच दूसरा टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर है, जहां भारत की नजरें पहले टेस्ट में मिली हार के बाद वापसी पर टिकी हैं। बेंगलुरू में खेले गए पहले टेस्ट में भारतीय टीम ने पहली पारी में केवल 46 रन बनाए थे, जिससे न्यूजीलैंड को बढ़त हासिल करने का मौका मिला। हालांकि, भारत ने दूसरी पारी में 462 रन बनाकर वापसी की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और न्यूजीलैंड ने आठ विकेट से जीत दर्ज की। इस हार के बाद भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप स्टैंडिंग में कीमती अंक गंवाने पड़े, बावजूद इसके वे शीर्ष स्थान पर बने हुए हैं।
चयन संबंधी चुनौतियाँ: कप्तान रोहित शर्मा को टीम के चयन को लेकर कुछ कठिन निर्णय लेने होंगे, खासकर बल्लेबाजी क्रम को लेकर। बेंगलुरू में भारतीय शीर्ष क्रम न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों के सामने धराशाई हो गया था। विलियम ओ'रुरके, मैट हेनरी, और अनुभवी टिम साउथी ने भारतीय बल्लेबाजों को पस्त कर दिया था। ऐसे में शुभमन गिल की वापसी की संभावना है, जिससे केएल राहुल या सरफराज खान में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है।

राहुल का हालिया फॉर्म चिंता का विषय है, जबकि सरफराज खान ने बेंगलुरू में शानदार 150 रन की पारी खेलकर चयनकर्ताओं को अपनी जगह के लिए मजबूर कर दिया है। अब सवाल यह है कि रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ किसे मौका देंगे।
पिच की भूमिका: पुणे की पिच भी मुकाबले में अहम भूमिका निभाएगी। बेंगलुरू की तेज गेंदबाजों के अनुकूल सतह के विपरीत, पुणे में कम उछाल और धीमी गति की उम्मीद है, जो स्पिनरों के लिए अनुकूल हो सकता है। पुणे की पिच को काली मिट्टी से तैयार किया गया है, जो स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार होती है। भारतीय टीम शायद यहां एक टर्निंग पिच का सामना करने के लिए तैयार हो रही हो, लेकिन इतिहास कहता है कि सावधानी बरतनी चाहिए।
इतिहास से सबक: 2016 में, जब ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में इसी तरह की पिच पर भारत को 333 रनों से हराया था, तब भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा था। इसके अलावा, पिछले साल इंदौर में भी ऑस्ट्रेलिया ने एक टर्निंग विकेट पर भारत को हराया था। इसलिए, इस बार भारतीय टीम को पिच की परिस्थितियों का सही इस्तेमाल करना होगा।
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स्पिन विभाग पर भरोसा: भारत की सबसे बड़ी उम्मीदें उनके स्पिन गेंदबाजों, विशेष रूप से रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा पर टिकी हैं। पुणे की स्पिन-अनुकूल परिस्थितियों में ये दोनों गेंदबाज महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा, वाशिंगटन सुंदर की ऑफ स्पिन भी कीवी टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान कर सकती है, खासकर टॉम लैथम और डेवोन कॉनवे जैसे खिलाड़ियों को।
न्यूजीलैंड की चुनौतियाँ: न्यूजीलैंड की टीम के लिए केन विलियमसन की अनुपस्थिति एक बड़ी चुनौती है। उनके बिना, मध्य क्रम को मजबूती देने की जिम्मेदारी रचिन रवींद्र और विल यंग पर होगी। रवींद्र का हरफनमौला प्रदर्शन और विल यंग की क्रीज पर दृढ़ता ने पहले टेस्ट में न्यूजीलैंड को बढ़त दिलाई थी। हालांकि, डेरिल मिशेल और टॉम ब्लंडेल को अश्विन और जडेजा का सामना करना होगा, जो स्पिन की मददगार सतह पर खतरनाक साबित हो सकते हैं।
तेज गेंदबाजों पर नज़र: भारत के तेज गेंदबाजों को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। मोहम्मद सिराज, जो हाल ही में संघर्ष कर रहे हैं, को आकाश दीप से अपनी जगह गंवाने का खतरा हो सकता है। नेट सेशन में आकाश ने प्रभावशाली गेंदबाजी की है और वह इस मुकाबले में अपनी जगह पक्की करने के इरादे से उतर सकते हैं। दूसरी ओर, जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन भी भारत की संभावनाओं के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
भारतीय बल्लेबाजी में सुधार की जरूरत: भारत को अपनी बल्लेबाजी में सुधार करने की जरूरत है। रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल की जोड़ी शीर्ष क्रम में अहम भूमिका निभाएगी। जायसवाल के लिए यह एक सुनहरा मौका होगा कि वह अपने टेस्ट करियर में बड़ा स्कोर बनाएं। रोहित शर्मा भी टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक छक्कों का रिकॉर्ड अपने नाम करने के करीब हैं। अगर राहुल इस मैच में नहीं खेलते हैं, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से बल्लेबाज मध्य क्रम में अपनी जगह पक्का करते हैं।
न्यूजीलैंड की उम्मीदें: न्यूजीलैंड की टीम ने पहले टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया था। उनके तेज गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था, और यह देखना बाकी है कि पुणे की धीमी पिच पर वे कैसा प्रदर्शन करते हैं। कप्तान टॉम लैथम की अगुवाई में कीवी टीम एक बार फिर से भारत को चुनौती देने के लिए तैयार है। विलियम ओ'रुरके और मैट हेनरी ने बेंगलुरू में भारतीय बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस किया था, लेकिन पुणे की पिच पर उन्हें वैसी सफलता मिलनी कठिन हो सकती है।
मौसम और खेल की परिस्थिति: मौसम की बात करें तो पुणे में पिछले एक हफ्ते में हल्की बारिश हुई है, लेकिन टेस्ट के दौरान बारिश की संभावना नगण्य है। खिलाड़ियों को हालांकि, कड़ी गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। यह देखना बाकी है कि क्या तापमान खेल पर कोई असर डालता है।
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