20 घंटे में 4 संस्थाओं ने किया सम्मानित, गणितज्ञ रत्नेश शाक्य की यादगार उपलब्धि
मैनपुरी के गणितज्ञ रत्नेश शाक्य को गणित के तीन नए सूत्रों की खोज के लिए 20 घंटे के भीतर चार प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें भारत सरकार से 181 देशों में मान्य कॉपीराइट प्राप्त है और वे 100 से अधिक संस्थानों में अपने शोध प्रस्तुत कर चुके हैं।

INDC Network : मैनपुरी, उत्तर प्रदेश : रत्नेश शाक्य को गणितीय शोध में उत्कृष्ट योगदान पर चार संस्थाओं का सम्मान
जनपद मैनपुरी के प्रख्यात गणितज्ञ और समर्पित शिक्षक श्री रत्नेश शाक्य को गणित के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए सिर्फ 20 घंटे के भीतर प्रदेश की चार प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें तीन नवीन और मौलिक गणितीय सूत्रों की खोज के लिए प्रदान किया गया, जिनके लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा 181 देशों में मान्य कॉपीराइट प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुके हैं।

100 से अधिक संस्थानों में शोध प्रस्तुत
श्री शाक्य अपने गणितीय कार्य को लेकर देशभर के 100 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों में सेमिनार और वेबिनार के माध्यम से प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने हाल ही में आयोजित एआरपी परीक्षा में मैनपुरी जनपद में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए, जिससे उनकी योग्यता को और भी मान्यता मिली।
सम्मानित करने वाली संस्थाएं एवं पदाधिकारी
क्रम | संस्था का नाम | पदाधिकारी |
---|---|---|
1 | चक्रवर्ती सम्राट अशोक सेवा समिति, उत्तर प्रदेश | श्री सुनील कुशवाहा (प्रदेश अध्यक्ष) श्री रविन्द्र शाक्य (प्रदेश महासचिव) |
2 | संवेदना फाउंडेशन, भारत | इंजीनियर धर्मवीर सिंह राही (राष्ट्रीय अध्यक्ष) |
3 | प्राथमिक विद्यालय नगला शंभू, मैनपुरी | श्री दीपक तिवारी (प्रधानाध्यापक) श्री शैलेन्द्र सिंह (सहायक अध्यापक) |
4 | राजकीय जिला पुस्तकालय, मैनपुरी | श्री कमल सिंह (अपर जिला जज) श्री संजय यादव (पुस्तकालय अध्यक्ष) |
रत्नेश शाक्य का वक्तव्य
इस सम्मान को लेकर भावुक होते हुए श्री शाक्य ने कहा:
“यह सम्मान केवल मेरा नहीं है, यह आप सभी साथियों, शिक्षकों, शुभचिंतकों और मार्गदर्शकों की सामूहिक प्रेरणा और सहयोग का परिणाम है। मैं भविष्य में भी गणित को सरल, सहज, और भारत की मूल शिक्षा पद्धति के अनुकूल बनाने हेतु समर्पित रहूंगा।”
रत्नेश शाक्य की यह उपलब्धि न केवल मैनपुरी बल्कि पूरे भारत के लिए गौरव का विषय है। उनका यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगा और गणित को आम जनमानस के लिए सरल एवं रोचक बनाएगा।
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