बदायूं की मैंथा फैक्ट्री में धमाके से मची तबाही, रातभर जलता रहा औद्योगिक नरक
बदायूं जिले के उझानी कस्बे में बुधवार रात एक मैंथा फैक्ट्री में लगी भीषण आग ने गुरुवार सुबह तक विकराल रूप ले लिया। हादसे में एक मजदूर लापता है, जबकि फैक्ट्री के अंदर मौजूद बाकी मजदूरों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। फैक्ट्री की 24 फीट ऊंची चिमनी के गिरने के बाद आग भड़की और नाइट्रोजन गैस सिलेंडरों में हुए धमाकों से स्थिति और भयावह हो गई। प्रशासनिक अमला मौके पर तैनात है, मगर फायर ब्रिगेड अब तक भीतर नहीं घुस सकी है। लखनऊ तक हादसे की रिपोर्ट पहुंच चुकी है।

INDC Network : बदायूँ, उत्तर प्रदेश : आग से मचा हाहाकार: चिमनी गिरते ही भड़की भीषण लपटें
बुधवार रात करीब 10:30 बजे उझानी कस्बे में दिल्ली हाईवे किनारे स्थित मनोज गोयल की मैंथा फैक्ट्री में आग लग गई। तेज आंधी के चलते फैक्ट्री की 24 फीट ऊंची चिमनी गिर गई, जिसके बाद फैक्ट्री में जोरदार धमाके के साथ आग फैल गई। चिमनी गिरने के साथ ही पूरे परिसर में लपटें उठीं और आग ने पूरे प्लांट को चपेट में ले लिया।

300 मीटर दूर तक फैला धुआं, गैस सिलेंडरों में धमाके
आग इतनी भयावह थी कि उसका धुआं करीब 300 मीटर दूर तक फैल गया। फैक्ट्री में रखे नाइट्रोजन गैस सिलेंडर धमाकों के साथ फटते रहे। लोहे के टावर पिघलते हुए गिर गए। रात करीब तीन बजे जब लपटें पास के गैस गोदाम तक पहुंचीं, तो वहां मौजूद अफसर खुद जान बचाकर भाग खड़े हुए।
एक मजदूर लापता, परिवार का रो-रोकर बुरा हाल
मुजरिया इलाके का निवासी मुनेंद्र नाम का मजदूर फैक्ट्री में लापता है। उसके दो भाई सकुशल बाहर निकल आए, लेकिन मुनेंद्र का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। परिजन रातभर फैक्ट्री के बाहर बैठे रहे और पुलिस से जानकारी मांगते रहे, मगर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला।
गांव और खेत भी चपेट में, 100 से अधिक परिवारों की रात उजड़ी
आग की लपटें फैक्ट्री के पीछे स्थित खेतों और गांव तक पहुंच गईं। कुड़ा नरसिंहपुर गांव को एहतियातन खाली कराना पड़ा। रात में ही 100 से अधिक परिवारों को शिफ्ट किया गया। ग्रामीणों ने अपने मवेशियों को खोलकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। खेतों की फसलें जलकर राख हो गईं।
फायर ब्रिगेड बाहर तक सीमित, बरेली से बुलाई गई विशेष टीम
रात दो बजे तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां फैक्ट्री के गेट तक ही सिमटी रहीं। अंदर की आग की तीव्रता के कारण कोई भीतर नहीं घुस सका। हवा की दिशा के कारण पानी की बौछारें भी असर नहीं दिखा पाईं। अब बरेली से फोम लेदर जैकेट से लैस विशेष टीम बुलाई गई है।
प्रशासन पर सवाल, शासन ने मांगी रिपोर्ट
घटना की गंभीरता को देखते हुए शासन ने जिला प्रशासन से जवाब मांगा है। अफसरों पर सवाल उठ रहे हैं कि हादसे से पहले सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं थे और मजदूरों की गिनती तक क्यों स्पष्ट नहीं है। पुलिस और पीएसी की भूमिका सिर्फ भीड़ नियंत्रित करने तक सीमित रही।
मेडिकल इमरजेंसी घोषित, 100 बेड रिजर्व, 25 एंबुलेंस तैनात
बदायूं के राजकीय मेडिकल कॉलेज को अलर्ट पर रखा गया है। वहां 100 बेड रिजर्व कर दिए गए हैं और 20 से 25 एंबुलेंस फैक्ट्री के बाहर तैयार रखी गई हैं, ताकि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके।
Delhi हाईवे बंद, ट्रैफिक डायवर्ट
घटना के बाद दिल्ली हाईवे को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। ट्रैफिक को बाइपास से डायवर्ट किया गया है। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल और पीएसी को मौके पर तैनात किया गया है।
घटना से जुड़ी प्रमुख जानकारी (तालिका में)
बिंदु | विवरण |
---|---|
स्थान | उझानी, बदायूं, उत्तर प्रदेश |
घटना का समय | बुधवार रात 10:30 बजे |
फैक्ट्री मालिक | मनोज गोयल |
लापता मजदूर | मुनेंद्र (मुजरिया निवासी) |
आग पर काबू | नहीं पाया जा सका (गुरुवार सुबह तक) |
फायर ब्रिगेड गाड़ियां | 9 से 11 |
गांव खाली कराए गए | कुड़ा नरसिंहपुर |
मेडिकल इमरजेंसी | 100 बेड रिजर्व, 25 एंबुलेंस तैनात |
शासन की कार्रवाई | जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब |
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