प्रतापगढ़ हंगामा: अस्पताल में युवती की संदिग्ध मौत, गैंगरेप-हत्या का आरोप, जमकर पथराव
प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के दुर्गागंज बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में युवती की संदिग्ध मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। मृतका की मां ने गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया, जिसके बाद ग्रामीणों ने शव रखकर प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सीओ समेत 13 लोग घायल हो गए। आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इस बीच, अस्पताल संचालक समेत छह लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

INDC Network :प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश : दुर्गागंज बाजार स्थित मां मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में चार साल से काम कर रही 22 वर्षीय युवती की गुरुवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतका की मां ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी के शरीर पर अंडरगारमेंट नहीं थे और उस पर चोटों के निशान थे। उन्होंने इसे गैंगरेप और हत्या करार दिया।
युवती गुरुवार शाम छह बजे ड्यूटी पर गई थी, लेकिन रात करीब आठ बजे अस्पतालकर्मी ने उसकी मां को फोन कर बुलाया। जब वे वहां पहुंचीं, तो अस्पतालकर्मियों ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। कुछ देर बाद बेटी की मौत की सूचना दी गई और शव एंबुलेंस से घर भेज दिया गया।

शव रखकर प्रदर्शन, पुलिस पर पथराव
शुक्रवार सुबह परिजनों ने शव को अस्पताल के सामने रखकर गैंगरेप और हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। जब पुलिस ने हस्तक्षेप किया, तो प्रदर्शन उग्र हो गया और भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इस झड़प में सीओ समेत 13 लोग घायल हो गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा।
अस्पताल बंद, मरीज 12 घंटे तक फंसे रहे
घटना के बाद अस्पताल के चिकित्सक और कर्मचारी वहां से भाग निकले, जिससे वहां भर्ती मरीज फंस गए। करीब 12 घंटे तक तीन मरीज अस्पताल में बंद रहे, जिन्हें बाद में पुलिस ने बाहर निकाला और सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
मृतका की मां के आरोप और FIR दर्ज
मृतका की मां की तहरीर पर अस्पताल संचालक डॉ. अमित पांडेय, सुनील कुमार, विद्या सागर, शहबाज और मनोरमा देवी के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और दलित उत्पीड़न जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट नहीं
शव का वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम किया गया, लेकिन मौत की स्पष्ट वजह नहीं पता चल सकी। विसरा और स्लाइड को फॉरेंसिक जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। पुलिस ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रत्यक्षदर्शियों ने पुलिस पर लगाया आरोप
प्रदर्शन के दौरान एक सिपाही द्वारा एक युवक पर डंडा चलाने के बाद स्थिति बिगड़ गई। इससे ग्रामीण उग्र हो गए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पुलिस का कहना है कि बवाल में बाहरी तत्व शामिल थे, जिन्हें CCTV फुटेज की मदद से पहचाना जा रहा है।
प्रतापगढ़ में कर्फ्यू जैसे हालात
पथराव और लाठीचार्ज के बाद दुर्गागंज बाजार में अफरा-तफरी मच गई। दुकानों के शटर गिरा दिए गए और बाजार में सन्नाटा छा गया। पुलिस ने पूरे इलाके में कड़ी निगरानी बढ़ा दी है।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई का दावा
एसपी डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
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