मेरठ न्यूज़ - आंधी-बिजली से तबाही: 138 करोड़ की बर्बादी, शहर का ढांचा हिलाकर रख दिया
बुधवार रात आई आंधी और बारिश ने शहर को बुरी तरह झकझोर दिया। घर, होटल, मंडप, उद्योग, और दवा कारोबार बर्बाद हो गए। 138 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित नुकसान हुआ है। मंडपों से लेकर ईंट भट्टों तक सबकुछ तबाह हो गया।

INDC Network : मेरठ, उत्तर प्रदेश : बुधवार रात अचानक आई आंधी और तेज बारिश ने पूरे शहर में तबाही मचा दी। एक ओर जहां लोग राहत की सांस लेना चाहते थे, वहीं कुदरत का यह कहर जीवन और कारोबार दोनों पर भारी पड़ा। गुरुवार सुबह तक शहर के अलग-अलग इलाकों से तबाही की खबरें आने लगीं। इस आपदा में घरों, होटलों, मंडपों, उद्योगों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, और दवा कारोबार को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन के अनुसार, कुल मिलाकर करीब 138 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
मंडप, होटल और रेस्टोरेंटों में बर्बादी का मंजर
मंडप एसोसिएशन के महामंत्री विपुल सिंघल के अनुसार, शहर में होटलों, रेस्टोरेंटों और विवाह मंडपों को करीब 24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मंडपों में सवावटी सामान, लाइट, चुन्नी, कपड़े, टीन, और फाइबर से बनी दीवारें ढह गईं। बाईपास क्षेत्र, सरधना रोड और कैंट स्टेशन के पास के मंडप पूरी तरह ध्वस्त हो गए।

दवा कारोबार को भी भारी झटका
खैर नगर में दवा व्यापारियों को भी 40 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। आंधी के दौरान बिजली गुल हो जाने से डीप फ्रिजर और कोल्ड चेन उपकरणों ने काम करना बंद कर दिया, जिससे लाखों की दवाएं खराब हो गईं।
ईंट भट्ठों की हालत भी खराब
जिले में मौजूद 150 ईंट भट्ठों में 15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। संचालक संजय गोयल के मुताबिक बारिश के कारण जलभराव हुआ और ईंटें गल गईं। चौधरी योगेश फौजी ने बताया कि ईंधन भीग जाने के कारण उत्पादन रुक गया है।
सड़कों पर क्षतिग्रस्त गाड़ियों का अंबार
तूफान की चपेट में आकर 150 से अधिक गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। कहीं पेड़ गिरा, तो कहीं होर्डिंग, टंकी और लोहे के पाइप। ऑटो डीलर सिद्धार्थ जैन ने बताया कि उनके दोनों शोरूम में 40 से अधिक गाड़ियां रिपेयरिंग के लिए पहुंचीं। गौरव गुप्ता के अनुसार, पेड़ों की चपेट में आकर कई गाड़ियों की हालत खराब हो गई है।
स्थायी और अस्थायी निर्माण भी उजड़े
कई घरों में दरवाजे, खिड़कियां, सोलर पैनल, पानी की टंकियां, और किचन गार्डन तक उजड़ गए। सेंट जोसेफ स्कूल और अन्य स्थानों पर भी अस्थायी निर्माण टूटकर गिर गए।
शहरवासियों को अब इस आपदा से उबरने में लंबा वक्त लग सकता है। राहत कार्य शुरू हो गए हैं, लेकिन नुकसान का आंकलन अभी और गहराने की आशंका है।
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