नाबालिग से अश्लील हरकत पर तीन साल की जेल, कोर्ट ने लगाया जुर्माना भी!
सिद्धार्थनगर जिले में वर्ष 2016 के नाबालिग से छेड़खानी के एक मामले में कोर्ट ने आरोपी राकेश पांडेय को दोषी ठहराते हुए तीन साल का कठोर कारावास और ₹15,000 का जुर्माना लगाया है। यह निर्णय पुलिस के “ऑपरेशन कन्विक्शन” के अंतर्गत प्रभावी पैरवी के चलते आया। मामले में न्यायालय, सरकारी अधिवक्ता और मॉनिटरिंग सेल की अहम भूमिका रही।

INDCNetwok : सिद्धार्थनगर, उत्तर प्रदेश : पूरा मामला: नाबालिग से अश्लीलता, फिर 7 साल बाद न्याय
वर्ष 2016: शुरू हुआ था मामला
डुमरियागंज थाना क्षेत्र के अंदुआ शनिचरा गांव निवासी राकेश पांडेय पर एक नाबालिग लड़की से छेड़खानी और अभद्रता का आरोप लगा था। पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज की थी।

मामले में पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) और एससी/एसटी एक्ट के तहत गंभीर धाराएं लगाई गईं। घटना के बाद से ही मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
कोर्ट का फैसला: आरोपी को मिली सजा
अंततः सिद्धार्थनगर की अदालत में विशेष न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार ने मामले की सुनवाई करते हुए राकेश पांडेय को दोषी करार दिया।
कोर्ट ने आरोपी को तीन साल का कठोर कारावास और ₹15,000 रुपए का अर्थदंड सुनाया है।
यह फैसला ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के अंतर्गत पुलिस और अभियोजन पक्ष की प्रभावी तैयारी का परिणाम है।
ऑपरेशन कन्विक्शन की भूमिका
प्रशासनिक कमान में न्यायिक सफलता
एसपी डॉ. अभिषेक महाजन के निर्देशन में चलाया गया ऑपरेशन कन्विक्शन उन मामलों को शीघ्र न्याय दिलाने के लिए चलाया जा रहा है जिनमें महिलाएं, बच्चे और समाज के कमजोर वर्ग पीड़ित होते हैं।
इस विशेष मुहिम के तहत लंबित मामलों की तेज सुनवाई, साक्ष्य प्रस्तुति, और कानूनी रूप से प्रभावी पैरवी सुनिश्चित की जाती है।
कौन-कौन रहा सक्रिय भूमिका में?
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जिला मॉनिटरिंग सेल
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अपर जिला शासकीय अधिवक्ता: पवन कुमार कर पाठक
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न्यायालय पैरोकार: मुख्य आरक्षी बावनजीत
इन सभी ने इस केस को निर्णायक मोड़ तक पहुंचाने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाई।
मामले का विवरण (डेटा टेबल में):
विवरण | जानकारी |
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घटना वर्ष | 2016 |
आरोपी का नाम | राकेश पांडेय |
आरोपी का पता | अंदुआ शनिचरा, डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर |
धाराएं | POCSO Act, SC/ST Act |
सजा | 3 साल कठोर कारावास |
जुर्माना | ₹15,000 |
सुनवाई न्यायाधीश | वीरेंद्र कुमार |
अभियोजन पक्ष | पवन कुमार कर पाठक |
प्रमुख पैरोकार | मुख्य आरक्षी बावनजीत |
अभियान | ऑपरेशन कन्विक्शन |
इस फैसले का सामाजिक संदेश
यह मामला केवल कानूनी कार्रवाई नहीं, बल्कि एक सशक्त सामाजिक संदेश भी है कि नाबालिगों और समाज के कमजोर वर्गों के साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
"ऑपरेशन कन्विक्शन" जैसे अभियानों के चलते उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सशक्त और तेज़ हो रही है।
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