गोरखपुर में पुलिस प्रतीक चिह्न से ‘सत्यमेव जयते’ गायब: डीजी मुख्यालय ने दिए सख्त निर्देश
उत्तर प्रदेश पुलिस की वर्दी पर लगे प्रतीक चिह्नों से ‘सत्यमेव जयते’ गायब होने की लगातार मिल रही शिकायतों पर डीजीपी मुख्यालय ने संज्ञान लिया है। सभी जिलों के एसपी/एसएसपी को पत्र भेजकर इस लापरवाही को तुरंत रोकने और सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। गोरखपुर में हुई जांच में कई पुलिसकर्मियों की टोपी और बेल्ट पर ‘सत्यमेव जयते’ अनुपस्थित मिला।

INDC Network : उत्तर प्रदेश, भारत : गोरखपुर में बड़ा खुलासा: पुलिस प्रतीक चिह्न से गायब 'सत्यमेव जयते', डीजीपी ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रतीक चिह्न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा – ‘सत्यमेव जयते’ – हाल ही में कई जिलों में पुलिसकर्मियों की वर्दी से गायब पाया गया है। गोरखपुर में हुई जांच के बाद यह खुलासा हुआ कि कई नए पुलिसकर्मियों की वर्दी पर बने बैज, टोपी और बेल्ट के प्रतीक चिह्न में यह आदर्श वाक्य मौजूद ही नहीं था।
डीजीपी मुख्यालय ने लिया संज्ञान, जिलों को भेजा पत्र
डीजीपी मुख्यालय ने इस गंभीर लापरवाही का संज्ञान लेते हुए सभी जिलों के एसपी और एसएसपी को पत्र भेजकर इस मामले में सुधार की सख्त हिदायत दी है। पत्र में साफ कहा गया है कि पुलिस प्रतीक चिह्न में अशोक स्तंभ के नीचे ‘सत्यमेव जयते’ अनिवार्य रूप से लिखा जाना चाहिए, अन्यथा प्रतीक चिह्न अधूरा और नियमविरुद्ध माना जाएगा।
दुकानदारों और पुलिसकर्मियों को किया जा रहा जागरूक
एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि गोरखपुर में सभी पुलिसकर्मियों को इस निर्देश से अवगत कराया गया है। साथ ही वर्दी और पुलिस संबंधित सामग्री बेचने वाले दुकानदारों को भी चेतावनी दी गई है कि वे प्रतीक चिह्न तैयार करते समय ‘सत्यमेव जयते’ का समावेश सुनिश्चित करें।
गौरव का प्रतीक ‘सत्यमेव जयते’ क्यों है महत्वपूर्ण?
‘सत्यमेव जयते’ सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि भारतीय पुलिस तंत्र का मूल दर्शन है। यह सत्य और न्याय की स्थापना की भावना को दर्शाता है। इसे प्रतीक चिह्न से हटाना कानून व्यवस्था और नैतिकता दोनों के विरुद्ध है।
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