फर्रुखाबाद लोहिया अस्पताल में डीजल चोरी का खुलासा, एसडीएम ने पकड़ा घोटाला
फर्रुखाबाद के लोहिया जिला अस्पताल में डीजल चोरी का मामला सामने आया है। एसडीएम रजनीकांत पांडेय और एसीएमओ सर्वेश यादव ने मौके पर पहुंचकर जनरेटर ऑपरेटर से जब पूछताछ की तो मामला गड़बड़ निकला। जनरेटर चलाने की फर्जी एंट्री और 250 लीटर डीजल का हिसाब न मिलने पर एसडीएम ने ऑपरेटर को जेल भेजने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मोबाइल टॉर्च में इलाज के वीडियो पर संज्ञान लिया गया था, जिसके बाद यह जांच शुरू हुई।

INDC Network : फर्रुखाबाद (उत्तर प्रदेश): लोहिया अस्पताल में बड़ा खुलासा: बिजली गुल, जनरेटर बंद, डीजल गायब!
जिला अस्पताल लोहिया, जो शहर की सबसे प्रमुख स्वास्थ्य सेवा इकाइयों में से एक है, अब डीजल चोरी और प्रशासनिक लापरवाही का केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद एसडीएम सदर रजनीकांत पांडेय और एसीएमओ सर्वेश यादव ने अचानक निरीक्षण किया और डीजल की चोरी और लापरवाही का बड़ा मामला सामने लाया।

मोबाइल की रोशनी में इलाज, वायरल वीडियो से मचा हड़कंप
घटना की शुरुआत तब हुई जब सोशल मीडिया पर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में डॉक्टरों द्वारा मोबाइल की टॉर्च से मरीजों का इलाज करने का वीडियो वायरल हुआ। मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल इस पर संज्ञान लिया और जिला प्रशासन को जांच के निर्देश दिए।
एसडीएम और एसीएमओ ने पहुंचकर की जांच, ऑपरेटर से जमकर हुई पूछताछ
एसडीएम रजनीकांत पांडेय जब अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने सबसे पहले जनरेटर ऑपरेटर पवन तिवारी से जनरेटर का रोस्टर रजिस्टर मंगवाया। जब रिकॉर्ड की जांच की गई तो पाया गया कि 26 मई के बाद जनरेटर चलने की कोई प्रविष्टि नहीं की गई थी।
जब ऑपरेटर ने कहा कि उसने मोबाइल में एंट्री की है, तो एसडीएम नाराज हो गए और कहा — "सरकार की छवि खराब कर रहे हो, झूठ बोल रहे हो, जेल भेज दूंगा।"
तीन जनरेटर, दो चालू, एक निष्क्रिय, डीजल का कोई सही हिसाब नहीं
एसडीएम जब जनरेटर कक्ष में पहुंचे तो वहां तीन जनरेटर पाए गए, जिनमें से दो चालू स्थिति में थे और एक में कनेक्शन ही नहीं था। ऑपरेटर के पास मौजूद 40 लीटर डीजल के अलावा 250 लीटर डीजल का कोई लेखा-जोखा नहीं मिला।
डीजल की काली कमाई और मरीजों की जान से खिलवाड़
यह स्पष्ट हो गया कि लोहिया अस्पताल में डीजल की ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी, और इसी के चलते भीषण गर्मी में भी जनरेटर नहीं चलाए गए। मरीजों को इलाज के लिए अंधेरे में मोबाइल टॉर्च का सहारा लेना पड़ा, जिससे न सिर्फ जान का खतरा बढ़ा बल्कि सरकारी सिस्टम की पोल भी खुल गई।
मामले का संक्षिप्त विवरण तालिका में
विवरण | जानकारी |
---|---|
स्थान | जिला अस्पताल लोहिया, आवास विकास कॉलोनी, फर्रुखाबाद |
जांच अधिकारी | एसडीएम रजनीकांत पांडेय, एसीएमओ सर्वेश यादव |
दोषी कर्मचारी | पवन तिवारी (जनरेटर ऑपरेटर) |
घटना का कारण | जनरेटर बंद, डीजल चोरी, फर्जी रजिस्ट्रेशन |
डीजल का अभाव | 250 लीटर का कोई रिकॉर्ड नहीं |
जनरेटर की स्थिति | 3 जनरेटर, 2 चालू, 1 बिना कनेक्शन |
कार्रवाई की चेतावनी | एसडीएम ने जेल भेजने की दी धमकी |
मुख्यमंत्री कार्यालय का हस्तक्षेप | मोबाइल टॉर्च में इलाज पर संज्ञान लिया गया |
क्या होगा आगे?
एसडीएम द्वारा स्पष्ट कर दिया गया है कि अगर डीजल चोरी और फर्जी एंट्री की पुष्टि होती है, तो ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भेजा जाएगा।
अस्पताल प्रशासन की लापरवाही ने एक बार फिर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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