INDC Network : प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश : प्रतापगढ़ जिले में एक 21 वर्षीय दलित लड़की की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद इलाके में तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। यह घटना उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज थाना क्षेत्र के दुर्गागंज बाजार में स्थित एक नर्सिंग होम या अस्पताल से जुड़ी है, जहां यह युवती काम करती थी। इस मामले ने स्थानीय लोगों और परिजनों के बीच आक्रोश को जन्म दिया है, जिसके चलते हिंसक प्रदर्शन हुए और पुलिस के साथ झड़प की स्थिति बनी।
आज, 28 मार्च 2025 को, इस युवती की मौत की खबर सामने आई। मृतका के परिजनों का आरोप है कि उसकी मौत संदिग्ध हालात में हुई और इसके पीछे गैंगरेप के बाद हत्या की साजिश है। मृतका की माँ ने दावा किया कि उसकी बेटी के शरीर पर चोटों के निशान थे और उसके कपड़े फटे हुए थे, जिससे यह शक गहरा गया कि उसके साथ कुछ गलत हुआ। परिजनों ने नर्सिंग होम के कुछ लोगों, जिनमें डॉक्टर अमित पांडेय, सुनील कुमार, और विद्यासागर जैसे नाम शामिल हैं, पर इस जघन्य अपराध का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इन लोगों ने मिलकर युवती के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसकी हत्या कर दी।
स्थानीय लोगों का आक्रोश और पुलिस के साथ झड़प: इस घटना की खबर फैलते ही स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए और आक्रोश में पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों का गुस्सा इस बात को लेकर था कि पुलिस ने शुरुआत में मामले को गंभीरता से नहीं लिया या उचित कार्रवाई में देरी की। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा, जिससे तनाव और बढ़ गया। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, लेकिन इलाके में अभी भी अशांति बनी हुई है।
पुलिस की प्रतिक्रिया: प्रतापगढ़ पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। परिजनों की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें गैंगरेप और हत्या के आरोप शामिल हैं। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जो यह स्पष्ट करेगी कि मौत का कारण क्या था। अभी तक किसी की गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने कहा है कि सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अधीक्षक या अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर जल्द ही बयान जारी कर सकते हैं।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया: यह घटना उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर फिर से सवाल खड़े कर रही है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया है और कई यूजर्स ने इसे योगी सरकार की नाकामी बताया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है और सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने इसे दलित समुदाय के खिलाफ अत्याचार का उदाहरण बताते हुए सामाजिक न्याय की मांग उठाई है।
वर्तमान स्थिति: फिलहाल, प्रतापगढ़ के दुर्गागंज बाजार और आसपास के इलाकों में तनावपूर्ण माहौल है। पुलिस ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश कर रही है। मृतका के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच होगी। परिजन और स्थानीय लोग दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे हैं, जबकि पुलिस मामले को शांत करने और सच्चाई सामने लाने की कोशिश में जुटी है।
यह घटना न केवल एक दुखद अपराध की कहानी है, बल्कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, दलित समुदाय के अधिकारों, और प्रशासनिक जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है। अगले कुछ दिनों में इस मामले में जांच के नतीजे और कानूनी कार्रवाई पर सबकी नजर रहेगी। तब तक, प्रतापगढ़ में शांति बनाए रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।