पहलगाम हमले के बाद बरेली में मची हलचल, 35 पाकिस्तानी और शहनाज़ की उलझन
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के बरेली में 35 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान की गई है। इनमें से एक महिला, शहनाज़ शाहिद, जिनके दस्तावेज चोरी हो गए हैं, को भारत छोड़ने का नोटिस दिया गया है। वीजा की वैधता रहते हुए भी शहनाज़ की वापसी की राह मुश्किल हो गई है, क्योंकि अब उन्हें दस्तावेजों के अभाव में बाघा बॉर्डर से वापस भेजा जाएगा।

INDC Network : बरेली : उत्तर प्रदेश : पहलगाम हमले के बाद देशभर में अलर्ट, बरेली में 35 पाकिस्तानी नागरिकों की हुई पहचान
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले, जिसमें दर्जनों निर्दोष नागरिकों की मौत हुई, के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए एक के बाद एक सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं।
इस अभियान के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 35 पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान हुई है। इनमें से एक का मामला चर्चा में है – शहनाज़ शाहिद।
बरेली में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों का विवरण
क्रम | नागरिक का प्रकार | संख्या |
---|---|---|
1 | दीर्घकालिक वीजा (LTV) पर | 34 |
2 | अल्पकालिक वीजा पर | 1 (शहनाज़ शाहिद) |
कुल | 35 |
कौन हैं शहनाज़ शाहिद?
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जन्म स्थान: कराची, पाकिस्तान
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भारत आगमन: 24 मार्च 2025
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आवागमन का माध्यम: पंजाब मेल ट्रेन
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आगमन का कारण: बीमार मां से मुलाकात
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वीज़ा की वैधता: 6 मई 2025 तक (45 दिनों का वीजा)
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मौजूदा स्थान: बारादरी, बरेली
शहनाज़ का दावा है कि उन्होंने अपनी बीमार मां से मिलने के लिए भारत का रुख किया था। वीज़ा दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने प्रवेश लिया, लेकिन अब उनका भारत में रहना अस्थायी तौर पर जटिल बन गया है।
चोरी हो गए दस्तावेज, अब बाघा बॉर्डर से होगी वापसी?
शहनाज़ ने पुलिस को बताया कि जब वह ट्रेन से बरेली आ रही थीं, उसी दौरान उनका पासपोर्ट, वीजा और पहचान पत्र चोरी हो गया। इस घटना की शिकायत उन्होंने जीआरपी थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक दस्तावेज बरामद नहीं हुए हैं।
इस कारण से स्थानीय प्रशासन के पास उन्हें वापस भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। चूंकि दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए उन्हें बाघा बॉर्डर से डिपोर्ट करने की तैयारी की जा रही है।
केंद्र सरकार का सख्त रुख और भविष्य की कार्रवाई
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बेहद कड़ा रुख अपनाया है। ऐसे में देश में रह रहे हर पाकिस्तानी नागरिक की स्थिति और मंशा को लेकर गंभीरता से जांच हो रही है।
शहनाज़ के मामले को लेकर भी विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और इमिग्रेशन विभाग समन्वय में कार्रवाई कर रहे हैं। हालांकि शहनाज़ की ओर से सहयोग किया जा रहा है, लेकिन दस्तावेजों के अभाव में स्थिति जटिल बनी हुई है।
शहनाज़ का भविष्य – क्या दस्तावेजों के बिना होगी वापसी?
भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को लेकर बनाए गए नियमों के अनुसार, दस्तावेजों के बिना किसी भी विदेशी नागरिक की वापसी तभी संभव है जब दोनों देशों के अधिकारी सहमत हों। ऐसे में शहनाज़ की स्थिति संवेदनशील हो चुकी है, और यह मामला अब राजनयिक स्तर पर हल किए जाने की ओर बढ़ रहा है।
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